What is 15-15-15 Mutual Fund Rule Hindi, म्यूच्यूअल फंड से करोड़पति बनने का 15*15*15 नियम
What is 15-15-15 Mutual Fund Rule Hindi, म्यूच्यूअल फंड से करोड़पति बनने का 15*15*15 नियम – यदि आप एक निवेशक हैं और म्यूच्यूअल फण्ड की मदद से 1 करोड़ रुपये जमा करना चाहते हैं, तो आप 15-15-15 नियम का पालन करके ऐसा कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए हमे २-3 महत्वपूर्ण बातें जानना होगी, एक तो म्यूच्यूअल फंड और दूसरा है पॉवर ऑफ़ कोम्पौन्डिंग (Power of Compounding) तो चलिए हम जानते है सभी को एक एक करके –
म्यूचुअल फंड क्या है? (What is a Mutual Fund/Mutual Fund in Hindi?)
म्यूचुअल फंड एक सामूहिक निवेश का तरीका है जो आपके जैसे कई निवेशकों के पैसे को एक साथ जमा करता है। इन एकत्रित फंडों को गहन शोध करने के बाद, मैनेजर द्वारा जिसे फण्ड मेनेजर कहते है , (इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट) विभिन्न स्टॉक, बॉन्ड या अन्य निवेश के तरीको में निवेश किया जाता है, एक म्यूचुअल फंड हाउस छोटी-छोटी इकाइयों (जिसे यूनिट्स या NAV भी कहते है) में पूरी निवेश राशि वितरित करता है। निवेशक इन इकाइयों को सीधे स्टॉक खरीदने के बजाय खरीद सकते हैं।
म्यूच्यूअल फंड में निवेश 2 तरीको से होता है –
1. एकमुश्त (Lumpsum) – एकमुश्त निवेश के तहत निवेशक पूरी रकम एक बार में निवेश कर देता है।
2. Systematic Investment Plan (SIP) – सिस्टेमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान, जिसे आमतौर पर एसआईपी या सिप (SIP) भी कहते है। यह म्यूचुअल फंड कंपनियों द्वारा दिया जाने वाला एक निवेश मार्ग है जिसमें मुचुअल फंड स्कीम में एकमुश्त निवेश करने के बजाय, एक निश्चित राशि का निवेश नियमित अंतराल पर किया जाता है – यह अंतराल एक महीने हो सकता है, एक तिमाही में हो सकता है।
निवेशित किश्त राशि कम से कम 500 रुपये महीने होती है। और ये समझने के हिसाब से और एक रेकरिंग डिपाजिट या आवर्ती जमा के समान है। यह बहुत ही सुविधाजनक है क्योंकि आपको अपने बैंक को एक बार स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन देना है, जिसके बाद हर महीने की नियत दिनांक को आपके बैंक से म्यूच्यूअल फंड द्वारा ये राशि अपने आप काट ली जाएगी।
कंपाउंडिंग क्या है (What is Compounding)
म्युचुअल फंड में ‘कंपाउंडिंग’ शब्द का इस्तेमाल बहुत व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। कंपाउंडिंग की ताकत की वजह से ही नियमित रूप से निवेश की गई छोटी राशि समय के साथ एक बढ़ते जाती है और लॉन्ग टर्म में एक बड़ा amount बना कर देती है।
यह इसीलिए संभव है क्योंकि पिछली चक्रवृद्धि अवधि में अर्जित ब्याज पर, अगली चक्रवृद्धि अवधि में ब्याज मिलेगा, मतलब मूल के साथ कमाए हुए ब्याज पर भी ब्याज मिलेगा, और इसी कारण पैसा समय के साथ बढ़ता जाता है। इसलिए, कंपाउंडिंग म्यूचुअल फंड निवेश की रीढ़ है। म्यूचुअल फंड में जल्द से जल्द निवेश शुरू करके कंपाउंडिंग का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाया जा सकता है। कंपाउंडिंग के पीछे यह प्राथमिक सिद्धांत है।
ये भी पढ़े – क्या है NAV का गणित, इसे समझकर बनाये म्यूच्यूअल फंड से मोटा पैसा | What is NAV in mutual fund with example?
कंपाउंडिंग की शक्ति (Power of Compounding)
अब जब हमने ये समझा की कंपाउंडिंग क्या है, तो अब एक उदहारण की मदद से इस की ताकत को भी समझते है। मान लेते है कि राहुल और चिराग ने 22 साल की उम्र में निवेश करना शुरू किया था, और उन्होंने आठ साल बाद मतलब 30 साल के होते होते निवेश करना बंद कर दिया। उनके दोस्त चिराग 30 साल की उम्र में निवेश करना शुरू किया और 60 साल की उम्र तक निवेश करना जारी रखा।
जैसे की ऊपर हमने देखा की राहुल ने 30 वर्ष की आयु में निवेश करना बंद कर दिया था लेकिन उन्होंने उस निवेश को तदा नही, मतलब उस निवेश को redeem नही किया, और उन्होंने उस धन को 60 साल की उम्र तक निवेशित रखा। आइए अब देखते है की 60 साल की आयु में दोनों के निवेश किये हुए पैसे में कैसे बढ़ोत्तरी हुई – आप पढ़े रहे है – What is 15-15-15 Mutual Fund Rule Hindi
जैसे की ऊपर हमने देखा की राहुल ने 30 वर्ष की आयु में निवेश करना बंद कर दिया था लेकिन उन्होंने उस निवेश को तदा नही, मतलब उस निवेश को redeem नही किया, और उन्होंने उस धन को 60 साल की उम्र तक निवेशित रखा। आइए अब देखते है की 60 साल की आयु में दोनों के निवेश किये हुए पैसे में कैसे बढ़ोत्तरी हुई – आप पढ़े रहे है – What is 15-15-15 Mutual Fund Rule Hindi
पैरामीटर | राहुल | चिराग |
उम्र जब निवेश चालू किया | 20 साल | 30 साल |
उम्र जब निवेश बंद किया | 60 साल | 60 साल |
निवेश अवधि | 10 साल | 30 साल |
अवधि जब तक निवेशित रहे | 40 साल | 30 साल |
निवेश किया गया धन | प्रतिमाह 2,000 रुपये | प्रतिमाह 2,000 रुपये |
निवेश की गई कुल राशि | रुपये 2,40,000 | रुपये 7,20,000 |
प्राप्त रिटर्न | सालाना 10% | सालाना 10% |
रिडेम्पशन के समय जमा हुआ कोष | रुपये 81,27,183 | रुपये 45,20,796 |
वृद्धि | 33.9 गुना | 6.3 गुना |
आप ऊपर दी गई तालिका में देख सकते हैं कि राहुल ने चिराग से कम निवेश करने के बावजूद उससे अधिक पैसा कमाया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जब तक चिराग ने निवेश करना शुरू किया, तब तक उन्होंने अपने म्यूचुअल फंड निवेश खाते में कुछ राशि जमा कर ली थी। इसके अलावा, उन्होंने अपनी फंड इकाइयों को रिडीम नहीं किया, और उन्होंने उन्हें निवेशित वैसे ही छोड़ दिया। ये इकाइयाँ चक्रवृद्धि ब्याज जमा करती रहीं जिससे राहुल का पोर्टफोलियो उनके निवेश का 33.9 गुना बढ़ गया।
15*15*15 का नियम (15-15-15 Rule)
ये बहुत ही आसन सा नियम है – 15 * 15 * 15 का नियम कहता है कि यदि आप 15,000 रुपये प्रति माह का निवेश किसी म्यूच्यूअल फंड विकल्प में करते हैं जो की 15% सालाना के हिसाब से रिटर्न देता है , तो 15 वर्ष की अवधि समाप्त होने पर आपके द्वारा 15 वर्ष के नियमित निवेश की कीमत 1 करोड़ रुपये हो जाएगी। आपने केवल 27 लाख रुपये का निवेश किया, जबकि आपने 74 लाख रुपये कमाए।
15*15*30 का नियम (15-15-30 Rule)
एक और नियम है, अर्थात् 15 * 15 * 30 जो और भी अधिक लाभदायक है। यदि आप इसे 15 और वर्षों के लिए बढ़ाते हैं, तो आपके संचित धन में तेजी से वृद्धि होगी। अब, 15 * 15 * 30 नियम से आपको 10,38,49,194 रुपये (10 करोड़ रुपये से अधिक) जमा करने में मदद मिलेगी। आपने केवल 27 लाख रुपये का निवेश किया होगा और 9.84 करोड़ रुपये कमाएंगे।
आज हमने What is 15-15-15 Mutual Fund Rule in Hindi को भली भांति समझा हम आगे भी म्यूच्यूअल फंड एवं पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित ऐसे और भी रोचक टॉपिक आपके लिए लाते रहेंगे । आपको ये आर्टिकल कैसा लगा हमे बताएं। हमे आपके सुझाव एवं कमेंट्स का इंतज़ार रहेगा। बने रहिये apneebachat.com पर।