देरी से हो रहे इंश्योरेंस क्लेम प्रोसेस को 5 तरीको से तेज करें, 5 ways to speed up your insurance claim process
देरी से हो रहे इंश्योरेंस क्लेम प्रोसेस को 5 तरीको से तेज करें | 5 ways to speed up your insurance claim process – आज के लेख में हम बीमा क्लेम में देरी के सबसे सामान्य कारणों और पूरी प्रक्रिया को तेज करने के तरीकों पर एक नज़र डालेंगे, बने रहिये हमारे साथ आर्टिकल के अंत तक ।
इंसान को हमेशा से ही तेज चीजों का शौक रहा है। फास्ट कार हों, फास्ट फूड हों या फास्ट सर्विस, हमें इंतजार करना पसंद नहीं होता है।
इंश्युरंस क्लेम सेटलमेंट के साथ भी ये बात लागू होती है, जैसा की हम जानते है क्षतिपूर्ति की अवधारणा पर आधारित है, और इस प्रकार, जब हमें नुकसान होता है, तो हम वित्तीय रूप से बहाल होने के लिए क्लेम के तुरंत निपटान की मांग करते हैं , जिससे की जल्द से जल्द हमारे नुकसान की भरपाई हो और हम फाइनेंसियली उसी अवस्था में आ जाये जहां हम नुकसान से पहले थे।
आइए इंश्युरंस क्लेम में देरी के सबसे सामान्य कारणों के बारे में जानें और इस तरह की देरी से बचने के तरीके देखे और पूरी प्रक्रिया को को तेज करें।
आवश्यक दस्तावेज जमा न करना (Non-submission of required documents)
एक बीमित व्यक्ति के लिए सबसे आम और बड़ी चुनौती क्लेम प्रोसेसिंग के लिए सभी आवश्यक दस्तावेजों को समझना, व्यवस्थित करना और जमा करना है। यहां तक कि भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) भी कहता है कि एक बीमा कंपनी का टर्नअराउंड टाइम (TAT) सभी आवश्यक दस्तावेजों को अंतिम रूप से जमा करने के दिन से ही शुरू होता है। और इसी काम को ठीक से न करने के कारण कई दावों में देरी हो जाती है।
इस मुद्दे से निपटने का सबसे अच्छा तरीका यह है की बतौर ग्राहक आपको भी कंपनी की वास्तविक आवश्यकताओं को समझना होगा। ऐसे समय में भी ग्राहक क्लेम/दावा प्राप्त करने के लिए अधूरे फॉर्म या अधूरे दस्तावेज जमा करते हैं, जिसके कारण इंश्युरंस कंपनी चाह कर भी क्लेम प्रोसेस नही कर पाती है और इसी वजह से लोगो को क्लेम के सेटलमेंट में देरी का सामना करना पड़ता ।
- पॉलिसी के मूल दस्तावेज हमेशा संभाल कर रखें ।
- कंपनी या अपने एजेंट से संपर्क करें और आवश्यक दस्तावेजों की एक चेकलिस्ट तैयार करें।
- आगे की आवश्यकता के प्रश्नों और देरी के कारण प्रस्तुत करने से बचने के लिए एक बार में पूर्ण दस्तावेज जमा करें।
नॉन डिसक्लोसर और अधूरी जानकारी प्रदान करना (Non-disclosure and providing incomplete information)
क्लेम का निपटान करने के लिए बीमा कंपनियों के लिए सही तथ्य और पूरी जानकारी जरूरी है। पॉलिसी लेते समय और दावा जमा करते समय दोनों ही टाइम पर, जैसे ही कंपनी को पता चलता है कि प्रदान की गई जानकारी या तो झूठी है या किसी भी तरह से अधूरी है, तो बीमा कंपनी क्लेम प्रोसेस को उसी समय रोक देती है जब तक आप सही जानकारी या डॉक्यूमेंट कंपनी को जांच के लिए नही देते हो। सुनिश्चित करें कि आप पॉलिसी खरीद से संबंधित या क्लेम के संबंध में कोई भी महत्वपूर्ण जानकारी छिपा नहीं रहे हैं ।
सर्वेयर और इन्वेस्टिगेटर के साथ असहयोग (Non-cooperation with surveyor and investigator)
एक क्लेम को प्रमाणित करने के लिए, कई मामलों में, बीमा कंपनियां एक सर्वेक्षण विशेषज्ञ (सर्वे एक्सपर्ट) या एक अन्वेषक (इन्वेस्टिगेटर) नियुक्त करती हैं। देरी से बचने के लिए, बीमाधारक को बिना किसी देरी के सर्वेयर से मिलना चाहिए और मांगे गए सभी दस्तावेज उपलब्ध कराने चाहिए। अगर आप ऐसा नही करते है या सर्वेयर से मिलने देरी करते है तो ये दो मुद्दे पैदा करेगा। एक, यह क्लेम में देरी करेगा। और दूसरा, यह सर्वेक्षक के मन में संदेह को जन्म देगा कि बीमाधारक प्रक्रिया में देरी क्यों कर रहा है।
क्लेम प्रोसेस को कैसे तेज करें (How to speed up the claim process)
ऐसे मामले जहां क्लेम में देरी हो रही है और कारण अज्ञात हैं, यहां तक कि सभी आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद भी, और सभी प्रक्रिया पूरी हो गई है: ऐसे मामलों में बीमाधारक के पास क्लेम में तेजी लाने के निम्नलिखित तरीके हैं:
- आप अपने एजेंट को यह पता लगाने के लिए शामिल कर सकते हैं कि वास्तव में दावा कहाँ अटका हुआ है। चूंकि एजेंट बीमा कंपनियों को बिज़नेस प्रदान करते हैं, उनका बीमा कंपनी के अधिकारीयों के साथ अच्छी बातचीत होती है, और इसलिए, वे लोग क्लेम की वास्तविक समय स्थिति का पता लगाने में सक्षम रहते है।
- अधिकांश कंपनियां/टीपीए अपने ग्राहकों को लॉगिन एक्सेस प्रदान करती हैं। इस प्रकार, उनके ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर, आप स्थिति का पता लगा सकते हैं, अपने क्लेम में देरी का कारण जान सकते हैं और उसी के समाधान का पता लगा सकते हैं।
- संबंधित टीम को नियमित रूप से ईमेल लिखना और अपडेट मांगना।
- दावा प्रक्रिया में शामिल पक्षों, यानी कंपनी, इन्वेस्टिगेटर, सर्वेयर, टीपीए, आदि के साथ निरंतर कम्युनिकेशन बनाए रखना।
- IRDA हमेशा पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा करता है । इस प्रकार, एक बीमाधारक दावों में अत्यधिक देरी के संबंध में एकीकृत शिकायत प्रबंधन प्रणाली (Integrated Grievance Management System IGMS) प्लेटफॉर्म पर शिकायत दर्ज करा सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
आज के आर्टिकल में आपने देखा की कैसे अपने देरी से हो रहे इंश्योरेंस क्लेम प्रोसेस को तेज कर सकते है (How to speed up your delayed insurance claim process) अगर इसके बाद भी अगर आपके मन में कोई सवाल है तो मेरे कमेंट बॉक्स में आकर पूछे मैं आपके सवालों का जवाब अवश्य दूंगा, तब तक के लिए बने रहिये हमारे साथ apneebachat.com पर! मिलते हैं अगले आर्टिकल में धन्यवाद।