RBI ने रद्द किया इस बैंक का लाइसेंस, जानिये बैंक बंद होने पर जमाकर्ताओं को DICGC स्कीम से कितना पैसा मिलता है?, How much money will depositors get, when bank shuts down?
RBI ने रद्द किया इस बैंक का लाइसेंस, जानिये बैंक बंद होने पर जमाकर्ताओं को DICGC स्कीम से कितना पैसा मिलता है?, How much money will depositors get, when bank shuts down? – भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने घोषणा की कि वह सोलापुर स्थित लक्ष्मी सहकारी बैंक का बैंकिंग लाइसेंस वापस ले रहे है। बैंक 22 सितंबर, 2022 से बैंकिंग कारोबार करना बंद कर देगा।
क्या है स्टोरी (What is the story)
22 सितंबर, 2022 को जारी आरबीआई की अधिसूचना के अनुसार, लक्ष्मी सहकारी का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है, जिसके निम्नलिखित कारण बताये गए है –
- बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। इस प्रकार, यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 11(1) और धारा 22 (3)(डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है।
- बैंक बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के धारा 22(3) (ए), 22 (3) (बी), 22 (3) (सी), 22 (3) (डी) और 22 (3) (ई) की आवश्यकताओं का पालन करने में विफल रहा है।
- जमाकर्ताओं का बैंक के साथ बने रहना उसके के हितों के प्रतिकूल है।
- बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूर्ण भुगतान करने में असमर्थ है। तथा
- यदि बैंक को अपने बैंकिंग व्यवसाय को और आगे ले जाने की अनुमति दी जाती है तो जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
जमा का क्या होता है? (What happens to the deposits?)
इकोनॉमिक टाइम्स में एक समाचार रिपोर्ट के अनुसार, बैंक द्वारा प्रस्तुत डेटा में कहा गया है कि लगभग 99% जमाकर्ता DICGC से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।
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DICGC स्कीम क्या है? (What is DICGC Scheme?)
इसके तहत प्रत्येक जमाकर्ता को अधिकतम 5 लाख रु तक की जमा राशि पर बीमा कवर मिलता है। यह कवर आरबीआई की सहायक Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation (डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी)) द्वारा दिया जाता है।
इसका मतलब यह है कि अगर किसी वजह से कोई बैंक डूब जाए या दिवालिया हो जाए अथवा बैंक का लाइसेंस रद्द हो जाए तो उस स्थिति में प्रत्येक जमाकर्ता को उस बैंक में जमाराशि या 5 लाख रुपए में से जो भी कम होगा, उसका भुगतान किया जाएगा।
उदाहरण के लिए अगर ‘ए’ के बैंक में दो लाख रुपए जमा थे और ‘बी’ के 7 सात लाख रुपए तो बैंक के बंद होने की सूरत में ‘ए’ को उस बीमा की वजह से दो लाख रुपए मिल जाएंगे, जबकि ‘बी’ को पांच लाख रुपए मिलेंगे।
किन बैंकों में इंश्योरेंस कवर है? (Which banks have insurance cover?)
सभी कमर्शियल व को-ऑपरेटिव बैंक इस स्कीम में शामिल हैं। इनमें
- 18 पब्लिक सेक्टर बैंक,
- 22 प्राइवेट बैंक,
- 46 फॉरेन बैंक,
- सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक,
- स्टेट कोऑपरेटिव बैंक,
- डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक,
- अर्बन कोऑपरेटिव बैंक आदि शामिल हैं।
किस तरह के खातों पर कवर? (What type of accounts are covered?)
सेविंग, करेंट, रेकरिंग और फिक्स्ड खातों में जमा धनराशि पर बीमा कवर प्रदान किया जाता है। दूसरे देश की सरकार की तरफ से जमा, केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जमा राशि, अंतर बैंकिंग जमा वगैरह पर बीमा कवर का प्रावधान नहीं है।
किस राशि पर बीमा कवर है ? (On what amount is the insurance covered?)
जमाकर्ता को जो अधिकतम 5 लाख रुपए का बीमा कवर मिलता है, उसमें मूलधन के साथ इस पर मिलनेवाला ब्याज भी शामिल है। मान लीजिए किसी जमाकर्ता का किसी बैंक में कुल 6 लाख रुपए जमा है, जिसमें 4.50 लाख रुपए मूलधन है, जबकि बाकी 1.50 लाख रुपए ब्याज के है। बैंक के डूबने की स्थिति में जमाकर्ता को अधिकतम 5 लाख रुपए का भुगतान किया जाएगा।
जमा राशि एक बैंक की अलग-अलग शाखाओं में हो तो? (What if the deposits are in different branches of the same bank?)
अगर किसी एक बैंक की अलग-अलग शाखाओं में आपकी धनराशि जमा है तो सभी शाखाओं में जमा धनराशि को जोड़ दिया जाएगा और अधिकतम 5 लाख रुपए की जमा राशि पर ही बीमा कवर का फायदा मिलेगा। मान लीजिए किसी जमाकर्ता का एक बैंक की तीन शाखाओं में कुल 7 लाख रुपए जमा हैं तो उस बैंक के डूबने की स्थिति में जमाकर्ता को कुल 5 लाख रुपए का ही भुगतान किया जाएगा।
इसी तरह अगर आपके किसी बैंक में savings या करंट अकाउंट में 4 लाख रुपए है और इसी बैंक में 3 लाख रुपए की एफडी है तो ऐसी स्थिति में भी कुल 5 लाख रुपए का ही बीमा कवर मिलेगा।
लेकिन यदि एक बैंक की एक ही या अलग-अलग शाखाओं में अलग-अलग तरह की कैपेसिटी का खाता है तो अलग-अलग कैपेसिटी वाले खाते में जमा धनराशि पर अलग-अलग बीमा कवर का फायदा मिलेगा।
मान लीजिए किसी जमाकर्ता का किसी एक बैंक में एक इंडिविजुअल अकाउंट हैं और उसी बैंक में पत्नी के साथ ज्वाइंट अकाउंट। नाबालिग बेटे के अभिभावक के तौर पर भी एक अकाउंट है तो इस स्थिति में तीनों अकाउंट की कैपेसिटी (ऑनरशिप) अलग-अलग मानी जाएगी और तीनों अकाउंट पर अलग-अलग बीमा कवर मिलेगा।
अगर एक से ज्यादा ज्वाइंट अकाउंट हों तो? (What if there is more than one joint account?)
अगर कोई जमाकर्ता का एक बैंक में एक से ज्यादा ज्वाइंट अकाउंट हैं और सभी ज्वाइंट अकाउंट में अगर वह जमाकर्ता एक ही तरह का होल्डर है यानी वह या तो पहला अकाउंट होल्डर है या दूसरा अकांउट होल्डर है तो सभी ज्वाइंट अकाउंट पर जमा धनराशि को जोड़ दिया जाएगा। मतलब अलग-अलग बीमा कवर नहीं मिलेगा।
लेकिन अगर अलग-अलग ज्वाइंट अकाउंट में जमाकर्ता का नाम एक आर्डर में नहीं है, मसलन अगर एक ज्वाइंट अकाउंट में वह पहला अकाउंट होल्डर है, दूसरे में दूसरा और तीसरे में तीसरा …… या अलग-अलग लोगों के साथ ज्वाइंट अकाउंट हो तो अलग-अलग ज्वाइंट अकाउंट में जमा धनराशि पर अलग-अलग बीमा कवर मिलेगा।
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यदि जमा राशि अलग-अलग बैंकों में हो तो? (What if the deposits are in different banks?)
अगर आपकी धनराशि अलग-अलग बैंक में जमा है तो प्रत्येक बैंक के लिए बीमा कवर की अधिकतम सीमा 5 लाख रुपए होगी। मान लीजिए अगर ‘ए’ बैंक में आपके 6 लाख रुपए जमा है और ‘बी’ बैंक में 7 लाख रुपए। अगर दोनों बैंक डूब जाए तो आपको दोनों बैंकों में डूबी हुई राशि पर बीमा के रूप में 5-5 लाख रुपए यानी कुल 10 लाख रुपए का भुगतान मिलेगा।
ध्यान रखने योग्य बातें (Points to be Remembered)
- अगर आपकी जमा राशि कुल पांच लाख रुपए से ज्यादा हो रही है तो उसे एक से अधिक बैंकों में जमा करके रखना चाहिए।
- अगर आप एक बैंक में ही जमा करके रखना चाहते हैं तो एक इंडिविजुअल अकाउंट के अलावा अपने जीवनसाथी या/और नाबालिग बच्चों के साथ ज्वाइंट अकाउंट भी शुरू करें।
निष्कर्ष (Conclusion)
आज के लेख में हमने जाना की RBI ने सोलापुर स्थित लक्ष्मी सहकारी बैंक का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया है, साथ में ये भी जाना की बैंक बंद होने के बाद जमाकर्ताओं को कितना पैसा मिलता है? (How much money will depositors get, when bank shuts?)
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