शेयर मार्किट में कूदने से पहले जान ले ये सब जरूरी बातें | Face Value, Book Value and Market Value of Share in Hindi

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Face Value, Book Value and Market Value of Share

शेयर मार्किट में कूदने से पहले जान ले ये सब जरूरी बातें, Face Value, Book Value and Market Value of Share in Hindi

शेयर मार्किट में कूदने से पहले जान ले ये सब जरूरी बातें, Face Value, Book Value and Market Value of Share in Hindi – दोस्तों यदि आप वित, अर्थव्यवस्था या Share Market जैसे विषयों में थोड़ी भी रुचि रखते हैं तो आपने Face Value, Book Value और Market Value जैसे शब्दों को जरूर सुना होगा।

यह शेयर बाजार से जुड़े कुछ ऐसे शब्द हैं जो वर्तमान समय में बहुत लोकप्रिय होते जा रहे है। बहुत से लोग Face Value, Book Value और Market Value में अंतर को अच्छी तरीके से समझ नहीं पाते हैं और बहुत से लोग इन तीनों का एक ही अर्थ समझ लेते हैं। परंतु ऐसा बिल्कुल नहीं है।

यह तीनों ही शेयर बाजार से जुड़ी हुई बहुत ही आवश्यक terms है। तीनों का की अर्थ अलग है और तीनों का ही अपनी-अपनी जगह पर विशेष महत्व है।

तो यदि आप शेयर बाजार के बारे में और जानना चाहते है या शेयर बाजार में पैसा लगाना चाहते हैं तो ऐसे में  Face Value, Book Value और Market Value का अर्थ जानना आप के लिए जरूरी हो जाता है।

दोस्तों यदि आप जानना चाहते हैं कि Face Value, Book Value और Market Value क्या होती है तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपकी इसी सवाल का जवाब देने वाले हैं।

Face Value (फेस वैल्यूक्या होती है? (What is Face Value?)

शेयर बाजार में Face Value किसी भी कंपनी के शेयर की प्रारंभिक कीमत होती है जो कंपनी के शेयर प्रमाण पत्र पर अंकित होती है। यह Face Value उस कंपनी के द्वारा उस कंपनी को शुरू करते समय ही निश्चित की जाती है। इसे और अच्छे से समझने के लिए एक उदाहरण की सहायता लेते हैं।

चलिए इसे उदाहरण से समझते है –

मान लो आप और आपके दोस्त एक कंपनी की शुरुआत करते हैं और उसका नाम रखते है X. तो ऐसे में आप सभी को इस कंपनी के प्रमोटर्स Promoters कहा जाएगा। अब इस कंपनी की शुरुआत करने के लिए हमें कुछ पैसों की जरूरत होती है और इस पैसे को कैपिटल Capital कहा जाता है।

तो मान लो आप सभी प्रमोटर्स ने इस कंपनी में 1 करोड़, 1 करोड़, 2 करोड़, 1 करोड़ रूपए निवेश किए। ऐसे में कुल राशि जिसे Equity Capital कहा जाता है, हो गया 5 करोड़ रुपए। अब इसी Equity Capital  को शेयर्स में विभाजित कर दिया जाता है।

तो अब मान लो इस इक्विटी कैपिटल को, जो 5 करोड रुपए है, को 50 लाख शेयर्स में बांट दिया जाता है। ऐसे में एक शेयर की कीमत हो जाएगी 10 रुपए। तो यही 10 रुपये उस कंपनी की Face Value कहलाती है।

तो इसके मुताबिक Face Value किसी भी कंपनी की प्रारंभिक वैल्यू यानी कि जिस समय उस कंपनी को शुरू किया गया था उस समय उस कंपनी के शेयर का जो मूल्य निर्धारित किया गया था उसे उस कंपनी की Face Value माना जाता है।

Face Value से जुड़ा हुआ एक महत्वपूर्ण तथ्य यह होता है कि Face Value कभी भी शेयर मार्केट से प्रभावित नहीं होती है यानी कि शेयर मार्केट में आ रहे उतार और चढ़ाव के बावजूद भी घटती या बढ़ती नहीं है। परंतु एक बात ध्यान रखने योग्य यह है कि यदि किसी कंपनी का स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) हो जाता है तो ऐसी स्थिति में उस कंपनी की Face Value भी स्प्लिट हो जाती है।

Book Value (बुक वैल्यूक्या होती है? (What is Book Value?)

यदि साधारण शब्दों में कहा जाए तो किसी भी कंपनी की Balance Sheet के मुताबिक उस कंपनी की वास्तविक वैल्यू को Book Value कहा जाता है। Balance Sheet एक ऐसा स्टेटमेंट पत्र होता है जो उस कंपनी की शुरुआत से वर्तमान समय तक के हो रहे बदलाव की स्तिथि का ब्योरा रखता है।

सामान्य शब्दों में कहा जाए तो  यदि किसी कंपनी को बेच दिया जाए तो उसकी संपत्तियों से सारे ऋण यानी की Liabilities को घटा कर भुगतान करने वाले को प्रति शेयर कितना भुगतान प्राप्त होगा, उस मूल्य को ही उस कंपनी की बुक वैल्यू कहा जाता है।

इसे ऊपर दिए गए उदाहरण के साथ जोड़ कर और अच्छे से समझा जा सकता है। मान लो कुछ समझ पश्चात आपकी कंपनी X के Total Assets हो गए है 20 करोड़ रुपए। Total Assets यानी की इस कंपनी की कुल संपत्ति। और मान लो इन 20 करोड़ में से 5 करोड़ की Liabilities हैं।

Liabilities को आप कंपनी के द्वारा कंपनी में निवेश किए गए ऋण की तरह समझ सकते है। और इसके साथ 15 करोड़ की Total shareholders’ equity है। जिसमें 5 करोड़ का Capital और 10 करोड़ का Reserves होता है। इस reserves को आप उस कंपनी के Profits की तरह समझ सकते है।

तो इस से Book Value प्रति शेयर (BV per share) निकालने के लिए कंपनी के Assets – Liabilities को Total number of outstanding shares से भाग देकर निकला जाता है।

जिसके मुताबिक 20 करोड़- 5 करोड़ / 50 लाख = 30 रुपये।

तो इस प्रकार उस कंपनी की Book Value प्रति शेयर हो जाएगा 30 रुपए। किसी भी कंपनी की Book Value उस कंपनी को हो रहे लाभ और हानि से पूर्ण रूप से प्रभावित होती है यानी कि इस मूल्य में समय-समय पर परिवर्तन होता रहता है।

बहुत से लोग किसी भी कंपनी में निवेश करने के पूर्व केवल उस कंपनी की Market Value पर ही नजर रखते है लेकिन यदि आप सही रूप से शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो आपको किसी भी कंपनी में निवेश करने से पूर्व उस कंपनी की Book Value पर भी नजर जरूर रखनी चाहिए।

Market Value (मार्केट वैल्यूक्या होती है? (What is Market Value?)

मार्केट वैल्यू कंपनी की किसी निश्चित समय पर शेयर बाजार में उस कम्पनी के प्रति शेयर के मूल्य को, उस कंपनी की Market Value कहा जाता है। Market Value को और अच्छे से समझने के लिए इसे ऊपर दिए गए उदाहरण के साथ जोड़ कर देखते है।

मान लो आपकी कंपनी X को आप अब स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध करवाना चाहते है। तो ऐसे में आपको उस कंपनी का IPO जारी करना होता है। जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को मार्केट में जारी करती है तो उसे IPO  कहा जाता है

अब मान लो उस IPO का listing price 50 रुपए निश्चित किया गया। तो यही उस कंपनी की Market Value हो जाती है। यह Market Value उस कंपनी के आर्थिक विकास पर बहुत निर्भर करती है। यदि उस कंपनी को मुनाफा होता है तो उस कंपनी की Market Value में वृद्धि हो जाती है और यदि कंपनी को नुकसान होता है तो उस कंपनी की Market Value में गिरावट आ जाती है।

यह वही Market Value होती है जिस मूल्य पर उस कंपनी के शेयर की खरीद और बिक्री की जाती है। ज्यादातर निवेशक इसी Market Value पर नजर रखकर किसी भी कंपनी में निवेश करते हैं तो ऐसे में Market Value किसी भी कंपनी के लिए निवेश प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। किसी भी कंपनी के शेयर का मूल्य उसकी मांग और आपूर्ति पर पूर्ण रूप से निर्भर होता है।

यदि उस कंपनी के शेयर की मांग और आपूर्ति अधिक है तो उस कंपनी की Market Value में वृद्धि हो जाती है और यह भी उस कंपनी के शेयर की मांग और आपूर्ति कम है तो उस कंपनी की market value कम हो जाती है। यह आपूर्ति और मांग उस कंपनी के विकास पर पूर्ण रूप से निर्धारित होती है।

यदि उस कंपनी में लोगों को लाभ नजर आता है तो ज्यादा लोग उस कंपनी के shares को खरीदना पसंद करते हैं और यदि लाभ नज़र नहीं आता है तो ज्यादा लोग उस कंपनी के shares को बेचना पसंद करते हैं। तो इसी प्रकार से किसी भी कंपनी के शेयर की Market Value में उतार-चढ़ाव आता रहता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

तो जैसा कि ऊपर हमने जाना कि Face Value किसी भी कंपनी के share की प्रारंभिक कीमत होती है और जो कीमत उस कंपनी के शेयर प्रमाण पत्र पर भी अंकित होती है अर्थात जब भी किसी कंपनी को शुरू किया जाता है उस समय उस कंपनी के शेयर का जो भी मूल्य निश्चित किया जाता है वही मूल्य उस कंपनी की Face Value कहलाएगा।

वही Book Value उस कंपनी के Balance Sheet के मुताबिक किसी भी शेयर का वास्तविक मूल्य होता है अर्थात यदि वह कंपनी डूब जाती है तो भुगतान कर्ता को उस कंपनी के प्रति शेयर पर कितनी राशि मिलेगी, वह उस कंपनी की Book Value कहलाती है।

और उस कंपनी की किसी निश्चित समय में प्रति शेयर कीमत को उस कंपनी की Market Value कहा जाता है जो उस कंपनी के विकास पर निर्भर करती है और समय-समय पर बदलती रहती है।

दोस्तों इस आर्टिकल में हमने जाना कि शेयर बाजार में Face Value से Book Value और Market Value क्या होता है। दोस्तों यदि आपका हमारे आर्टिकल Face Value से Book Value और Market Value क्या है? What is Face Value, Book Value and market value in Hindi से जुड़ा कोई भी सवाल आपके मन में है तो आप हमें कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं हम जल्द से जल्द आपके सवालों का जवाब देने का प्रयास करेंगे।