जल्दी से जाने, दिसंबर में भारत के बैंकिंग क्षेत्र में कौन से चार बड़े बदलाव होने जा रहे है, 4 Important Changes in Indian Banking from December 2022
जल्दी से जाने, दिसंबर में भारत के बैंकिंग क्षेत्र में कौन से चार बड़े बदलाव होने जा रहे है, 4 Important Changes in Indian Banking from December 2022 – रिटेल डिजिटल रुपये के लॉन्च और रेपो दर में संभावित वृद्धि से लेकर क्रेडिट कार्ड पर देय न्यूनतम राशि की गणना के लिए एक नए नियम , दिसंबर में बहुत कुछ हो रहा है। यहाँ क्या देखना है।
भारतीय रिज़र्व बैंक 1 दिसंबर को बहुप्रतीक्षित रिटेल डिजिटल रुपये को क्लोज यूजर ग्रुप में एक पायलट कार्यक्रम के रूप में पेश कर दिया।
फिर, यदि आपका कोई लोन चल रहा है या लेने की योजना है, यदि आपके पास क्रेडिट कार्ड है, या यदि आप बैंक से एसएमएस अलर्ट की सदस्यता लेते हैं, तो इस दिसंबर में महत्वपूर्ण परिवर्तन लागू होने वाले हैं, जिन पर आपको ध्यान देने की आवश्यकता है।
रिटेल डिजिटल रुपया (Retail digital rupee)
रिटेल डिजिटल रुपये (e₹-R) के लिए पायलट प्रोग्राम 1 दिसंबर से चुनिंदा स्थानों में ग्राहकों और व्यापारियों के एक क्लोज यूजर ग्रुप के लिए शुरू हो गया है। आरबीआई ने आठ बैंकों की पहचान की है जो इस पायलट में भाग लेंगे।
पहला चरण भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के साथ मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में शुरू होगा।
e₹ -R एक डिजिटल टोकन के रूप में है जो लीगल टेंडर होगा । इसे बैंक नोट और सिक्कों के समान मूल्यवर्ग (denomination) में जारी किया जाएगा और बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा।
भाग लेने वाले बैंकों द्वारा पेश किए गए और मोबाइल फोन/उपकरणों पर संग्रहीत डिजिटल वॉलेट के माध्यम से e₹ -R के साथ लेनदेन कर सकते हैं। लेन-देन व्यक्ति से व्यक्ति (P2P) और व्यक्ति से व्यापारी (P2M) दोनों हो सकते हैं। क्यूआर कोड का उपयोग कर व्यापारियों को भुगतान किया जा सकता है।
पायलट कार्यक्रम का उद्देश्य वास्तविक समय में डिजिटल रुपये के निर्माण, वितरण और रिटेल उपयोग की पूरी प्रक्रिया की मजबूती का परीक्षण करना है।
RBI द्वारा एक और दर वृद्धि ? (Another rate hike from RBI?)
आरबीआई की अगली मौद्रिक नीति घोषणा 7 दिसंबर को होनी है।
मौद्रिक नीति समिति वर्तमान में 5.90 प्रतिशत पर रेपो दर बढ़ाकर मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है। आरबीआई ने मई के बाद से 190 आधार अंकों की दर में वृद्धि की है, लेकिन मुद्रास्फीति ने ठंडा होने के संकेत नहीं दिखाए हैं। एक बेसिस पॉइंट एक प्रतिशत पॉइंट का सौवां हिस्सा होता है।
एमपीसी का लक्ष्य मुद्रास्फीति को 6 प्रतिशत के नीचे रखना है, लेकिन पिछली तीन तिमाहियों में वह ऐसा करने में विफल रही है।
अर्थशास्त्रियों ने कहा कि ब्याज दरें चरम पर नहीं हैं और उन्हें दिसंबर में रेपो दर में 25-50 बीपीएस की बढ़ोतरी की उम्मीद है।
हालांकि, यह भी व्यापक रूप से माना जाता है कि ब्याज दर वृद्धि चक्र अब समाप्त हो सकता है और यही कारण है कि मध्यम से लंबी अवधि के डेट म्यूचुअल फंड में प्रवेश करने का यह एक अच्छा समय है ।
यदि एक और दर वृद्धि होती है, तो बैंक एक बार फिर होम लोन और रेपो रेट से जुड़े अन्य ऋणों पर बाहरी बेंचमार्क के रूप में लोन समझौतों की शर्तों के अनुसार ब्याज बढ़ाएंगे।
क्रेडिट कार्ड पर न्यूनतम देय (Minimum due on credit cards)
अक्टूबर में, आरबीआई ने बैंकों और कार्ड जारीकर्ताओं से क्रेडिट कार्ड पर देय न्यूनतम राशि की गणना इस तरह से करने को कहा, जिससे कार्डधारकों पर अधिक भुगतान और कर्ज का बोझ न पड़े। नए नियम के अनुसार, क्रेडिट कार्ड जारी करने वालों को एक न्यूनतम देय राशि निर्धारित करने की आवश्यकता होती है जो की इतनी पर्याप्त होना चाहिए, ताकि कस्टमर बकाया राशि को उचित समय अवधि में चुकाया जा सके ।
एचएसबीसी बैंक ने कहा कि 1 दिसंबर से प्रभावी, उसके क्रेडिट कार्ड पर देय न्यूनतम राशि कुल देय भुगतान का 5 प्रतिशत और पिछली देय राशि और ओवर-लिमिट शुल्क (यदि कोई हो) से अधिक होगी।
पिछली देय राशि छूटे हुए न्यूनतम भुगतानों का योग है, साथ ही अंतिम भुगतान देय तिथि के बाद से आपके खाते में जोड़े गए विलंब शुल्क का योग है।
यदि आप क्रेडिट कार्ड पर खर्च की सीमा से अधिक खर्च करते हैं तो बैंक ओवर-लिमिट शुल्क लेते हैं। यदि आप क्रेडिट सीमा से अधिक हो जाते हैं तो HSBC बैंक प्रति माह 500 रुपये चार्ज करता है।
कोई एसएमएस बैलेंस अलर्ट नहीं (No SMS balance alert)
यस बैंक 1 दिसंबर से सब्सक्रिप्शन बेस्ड एसएमएस अलर्ट देना बंद कर देगा। बैंक खाता शेष अकाउंट बैलेंस, डेबिट और क्रेडिट लेनदेन और सैलरी क्रेडिट के लिए सब्सक्रिप्शन बेस्ड एसएमएस अलर्ट की पेशकश करता था। इन सभी को बंद कर दिया जाएगा। sms के माध्यम से धोखाधड़ी और डेटा चोरी में वृद्धि के कारण एसएमएस अलर्ट रोके जा रहे हैं।
हालांकि, ऐसे खाताधारक जो इस तरह के अलर्ट प्राप्त करना जारी रखना चाहते हैं, उन्हें बैंक की ऑनलाइन सुविधा के माध्यम से अपनी सदस्यता को पंजीकृत या संशोधित करना होगा और उन मेसेजो को कस्टमाइज करना होगा जिन्हें वे प्राप्त करना चाहते हैं।
वैकल्पिक रूप से, वे अपने बैलेंस, डेबिट और क्रेडिट लेनदेन की ऑनलाइन जांच कर सकते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
आज के लेख में हमने जाना कि, दिसंबर में भारत के बैंकिंग क्षेत्र में कौन से चार बड़े बदलाव होने जा रहे है (4 Important Changes in Indian Banking from December 2022).
अगर इसके बाद भी अगर आपके मन में कोई सवाल है तो मेरे कमेंट बॉक्स में आकर पूछे मैं आपके सवालों का जवाब अवश्य देंगे, तब तक के लिए बने रहिये हमारे साथ apneebachat.com पर! मिलते हैं अगले आर्टिकल में धन्यवाद।