जानिए कैसे कंपाउंडिंग की ताकत आपको बना सकती है करोड़पति | Power of Compounding in SIP makes you Crorepati in 2023

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Power of Compounding in SIP

जानिए कैसे कंपाउंडिंग की ताकत आपको बना सकती है करोड़पति, Power of Compounding in SIP makes you Crorepati in 2023

जानिए कैसे कंपाउंडिंग की ताकत आपको बना सकती है करोड़पति, Power of Compounding in SIP makes you Crorepati in 2023 – बहुत से लोग म्यूचुअल फंड में निवेश करना तो चाहते हैं क्योंकि वे लॉन्ग टर्म में अच्छी खासी वेल्थ क्रिएशन (धन बनाने) करना चाहते हैं, लेकिन बहुत कम ही लोग होते है जो व्यवस्थित और नियमित निवेश करने का धैर्य रखते हैं।

जो लोग नहीं जानते हैं, उनके लिए जल्दी से बता दे कि म्यूचुअल फंड एक निवेश माध्यम है जहां निवेशक एक ‘म्यूचुअल फंड’ में एक सामान्य निवेश उद्देश्य साझा करते हैं जो आम तौर पर एएमसी (AMC) या फंड हाउस के कंट्रोल या स्वामित्व में होता है।

ये एएमसी (AMC) इक्विटी, डेट, कॉरपोरेट बॉन्ड , सरकारी सिक्योरिटीज, टी-बिल, कॉल मनी, कमर्शियल पेपर आदि सहित विभिन्न मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेशकों से एकत्र किए गए फंड के इस पूल का निवेश करते हैं ।

भारत में म्यूचुअल फंड की नियामक संस्था सेबी (SEBI) है, वो म्यूच्यूअल फंड को इस तरह से परिभाषित करती है –

“निवेशको से प्राप्त धन को ऑफर डॉक्यूमेंट में बताये गए उद्देश्यों के हिसाब से विभिन्न प्रकार की सिक्योरिटीज में निवेश किया जाता है और इसके एवज में निवेशको को म्यूच्यूअल फंड यूनिट जारी की जाती है, इन्ही यूनिट्स को NAV कहा जाता है।

म्यूचुअल फंड के निवेशकों को यूनिटहोल्डर के रूप में जाना जाता है। आपके धन की सुरक्षा के लिए इन्हें अलग अलग सेक्टर्स की कंपनियों में निवेश किया जाता है। जैसा की आप जानते है कि डायवर्सिफिकेशन (विविधीकरण) जोखिम या रिस्क को कम करता है।“

जब आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो दो विकल्प उपलब्ध होते हैं – आप या तो एकमुश्त (lumpsum) निवेश कर सकते हैं या आप एक एसआईपी (SIP) शुरू कर सकते हैं। आगे बढ़ने से पहले हम एसआईपी और एकमुश्त निवेश के बीच के अंतर को समझेंगे।

ये भी पढ़े – SIP के ये 3 फॉर्मूले अपनाकर, आप भी बन जाये म्यूचुअल फंड से करोड़पति, SIP in Mutual Fund – Become a Crorepati by adopting 3 SIP Investment Formulas in Mutual Funds

म्यूचुअल फंड में एकमुश्त भुगतान क्या है? (What is Lumpsum payment in Mutual Funds)

Lumpsum Meaning in Mutual Fund – जैसा कि नाम से पता चलता है कि म्यूचुअल फंड में एकमुश्त भुगतान – आपके द्वारा बचत किये हुए धन को एक बार में निवेश करने की प्रक्रिया को कहते है। जब आप म्यूचुअल फंड स्कीम में एकमुश्त निवेश करते हैं, तो आप इन्वेस्टमेंट साइकिल (निवेश चक्र) की शुरुआत में पूरी निवेश राशि का भुगतान करते हैं।

एकमुश्त निवेश के बारे में एक और अच्छी बात यह है कि म्यूचुअल फंड निवेशकों को निवेश किए गए धन के साथ और फंड की मौजूदा नेट एसेट वैल्यू (शुद्ध संपत्ति मूल्य) या एनएवी (NAV) के आधार पर अधिक यूनिट आवंटित की जाती है। इसलिए जिनके पास सरप्लस कैश है, तो, उन्हें एकमुश्त भुगतान करके म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर विचार करना चाहिए।

व्यवस्थित निवेश योजना क्या है? (What is Systematic Investment Plan)

सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (व्यवस्थित निवेश योजना) या एसआईपी म्यूचुअल फंड निवेश के लिए एक व्यवस्थित निवेश दृष्टिकोण है। नियमित, अनुशासनात्मक निवेशों के माध्यम से लॉन्ग टर्म दीर्घकालिक में पूंजी वृद्धि चाहने वाले व्यक्ति एसआईपी निवेश के विकल्प पर विचार कर सकते हैं।

किसी भी स्कीम में एसआईपी शुरू करने के लिए , आपको बस अपने बैंक को निर्देश देने की जरूरत है इसके बाद हर महीने एक निश्चित तारीख पर, आपके बचत खाते से एक पूर्व निर्धारित राशि डेबिट की जाती है और इलेक्ट्रॉनिक रूप से आपके म्यूच्यूअल फंड अकाउंट में में ट्रांसफर की जाती है, जिससे की फंड की यूनिट्स खरीदी जा सके।

SIP किसी व्यक्ति में नियमित निवेश की एक अच्छी आदत भी डालता है।

ये भी पढ़े – म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने का सही समय कब है?, Which is the Best Time to Invest in Mutual Funds 2023? | Right time to invest in Mutual Funds?

कंपाउंडिंग का क्या अर्थ है? (What Compounding Means) 

अल्बर्ट आइंस्टीन ने एक बार कहा था, “चक्रवृद्धि ब्याज दुनिया का आठवां अजूबा है। जो इसे समझता है वह कमाता है।”

कंपाउंडिंग की शक्ति के साथ आपका पैसा तेजी से बढ़ता है। साधारण ब्याज में मूलधन पर ही ब्याज मिलता है। लेकिन, चक्रवृद्धि ब्याज में, आप मूलधन और अर्जित ब्याज राशि पर भी ब्याज अर्जित करते हैं।

कंपाउंडिंग का अधिकतम लाभ उठाने के लिए, आपको जीवन में जल्दी निवेश करना शुरू करना चाहिए। आप इसे यहाँ देख सकते है।

आइए पहले समझें कि कंपाउंडिंग का क्या मतलब है: कंपाउंडिंग का मतलब है कि आपको न केवल उस राशि पर ब्याज मिलता है जो आपने निवेश किया है, बल्कि उस ब्याज पर भी जो इसमें जुड़ता रहता है।

यह आपके पैसे को आपके लिए अधिक मेहनत करने की एक तकनीक है। यद्यपि हम आम तौर पर ‘ब्याज’ को चक्रवृद्धि की प्रक्रिया से जोड़ते हैं, यह वास्तव में सभी प्रकार के रिटर्न पर समान रूप से लागू होता है, न कि केवल उन पर जिन्हें ब्याज कहा जाता है।

जब मूलधन को पुन: निवेशित आय के साथ जोड़ दिया जाता है, तो आपका निवेश बढ़ी हुई दर से बढ़ेगा। निवेश की यह सरल लेकिन शक्तिशाली अवधारणा आपके निवेश पोर्टफोलियो में गुणक के रूप में कार्य करती है। कंपाउंडिंग के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि आप अंततः उस बिंदु पर पहुंच जाएंगे जहां पुनर्निवेश की गई राशि मूल मूलधन से अधिक हो जाएगी।

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एसआईपी के लाभ (Benefits of SIP)

एसआईपी का उपयोग करके वेल्थ क्रिएशन (धन का निर्माण) करना आसान है क्योंकि इसमें आप हर महीने या तिमाही में छोटे-छोटे अनुशासित निवेश करते है। इन निवेशों को लंबी अवधि में करने से, आपको बाजार में उच्च और निम्न दोनों बिंदुओं पर निवेश करने को मिलता है। इस प्रकार लंबी अवधि में आपको रुपये के औसत का फायदा मिलता है, और समय के साथ आपके धन में वृद्धि होती जाती है।

स्टॉक और बॉन्ड सहित विभिन्न प्रकार की विभिन्न संपत्तियों को मिलाकर, म्यूचुअल फंड कंपाउंडिंग की प्रक्रिया के माध्यम से आपके निवेश में एक्सपोनेंशियल वृद्धि के लाभों के साथ डायवर्सिफिकेशन (विविधीकरण) का लाभ प्रदान करते हैं।

ये भी पढ़े – क्या है NAV का गणित, इसे समझकर बनाये म्यूच्यूअल फंड से मोटा पैसा, What is NAV in mutual fund with example?

एसआईपी निवेश योजनाओं में कंपाउंडिंग की शक्ति (Power of Compounding in SIP Investment Plans)

एसआईपी के माध्यम से म्यूचुअल फंड में निवेश लंबी अवधि में धन जमा करने का एक सरल और अनुशासित तरीका है। एकमुश्त के बजाय छोटे आवधिक भुगतान करके एक एसआईपी निवेश किया जा सकता है। म्यूचुअल फंड दो तरह की कमाई करते हैं- डिविडेंड और कैपिटल गेन।

यदि, आप अपनी कमाई को वापस लेने के बजाय उसी योजना में पुनर्निवेश करना चुनते हैं, तो आप पॉवर ऑफ़ कंपाउंडिंग का लाभ उठा सकते हैं।

म्यूचुअल फंड SIP के साथ कंपाउंडिंग की अवधारणा को समझाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। लेकिन स्पष्टता के लिए, मैं इस बिंदु को एक उदाहरण के साथ समझाने की कोशिश करता हूं –

मान लीजिए कि आप पहले महीने में 5,000 रुपये का निवेश करते हैं। इस राशि के बदले में आपको म्यूचुअल फंड की 50 इकाइयाँ मिलती हैं, जिनमें से प्रत्येक की कीमत 100 रुपये है। प्रत्येक इकाई की कीमत को म्यूचुअल फंड का शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य या एनएवी (Net Asset Value, NAV) कहा जाता है। चीजों को सरल रखने के लिए, निवेशक पर लगाए गए करों और अन्य शुल्कों को शामिल नहीं कर रहे है।

मान लीजिए एक महीने के बाद, प्रत्येक इकाई की कीमत 120 रुपये है। प्रभावी रूप से, आपके निवेश का मूल्य 50×120=6,000 होगा। तो, आपने अपने निवेश पर 20% का रिटर्न अर्जित किया है। यह मूल रूप से आप अपने म्यूचुअल फंड निवेश पर कैसे कमाते हैं।

आपके द्वारा चुनी गई योजना के आधार पर, आपकी इकाइयों में वृद्धि या तो लाभांश (लाभांश विकल्प) के रूप में दी जाती है या म्यूचुअल फंड में पुनर्निवेश किया जाता है। मान लें कि आपने ग्रोथ विकल्प चुना है, तो आपका निवेश 8% की निरंतर दर को देखते हुए 10 वर्षों में कैसा दिखेगा।

आइए अब इस म्यूचुअल फंड निवेश में चक्रवृद्धि के प्रभाव को देखें।

साल
Year

हर साल जोड़ा गया पैसा
Amount added every year

पिछले वर्ष से ली गई राशि
A
mount carried from previous year

कुल
Total
प्रतिफल दर
Rate of Return

कुल राशि प्रति वर्ष/ Total amount/year

160, 000060,0008%64,500
260, 00064,5001,24,5008%1,33,838
360, 0001,33,8381,93,8388%2,08,375
460, 0002,08,3752,68,3758%2,88,503
560, 0002,88,5033,48,5038%3,74,641
660, 0003,74,6414,34,6418%4,67,239
760, 0004,67,2395,27,2398%5,66,782
860, 0005,66,7826,26,7828%6,73,591
960, 0006,73,5917,33,7918%7,88,825
1060, 0007,88,8258,48,8258%9,12,487

मान लीजिए कि आप दस साल तक हर महीने 5,000 रुपये डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करते रहेंगे। अब, आपके द्वारा पहले वर्ष में निवेश किया गया पैसा सबसे अधिक बढ़ गया है क्योंकि इसे बढ़ने में दस साल हो गए हैं। यह जो भी हुआ वो कंपाउंडिंग के कारण हुआ।

यदि आप ऊपर दी गई तालिका को देखते हैं, तो आप देख सकते हैं कि जब आप हर महीने 5,000 रुपये डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो कंपाउंडिंग कैसे काम कर सकती है।

जैसा कि आप देख सकते हैं, प्रत्येक वर्ष ब्याज न केवल उस वर्ष के निवेश पर बल्कि पिछले वर्षों पर भी होता है। प्रत्येक वर्ष के साथ, मूलधन बढ़ता जाता है और आपके द्वारा अर्जित की जाने वाली राशि भी बढ़ती जाती है।

SIP अमाउंट = रुपये 1,000 प्रति माह

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 यह समझने के लिए कि कौन सा एसेट क्लास या निवेश प्रकार यहां दर्शाए गए प्रतिफल देगा, कृपया निम्नलिखित पर एक नज़र डालें –

ब्याज की दर/Rate of Interestनिवेश का प्रकार/Investment Type
5%एंडोमेंट पॉलिसीस,  ULIP, फिक्स्ड डिपॉजिट्स (FD)
7%डेट फंड्स, बांड्स
10%बैलेंस्ड फंड, हाइब्रिड फंड्स
12%मल्टी कैप फंड्स, ELSS
15%लार्ज कैप, मिड कैप फंड्स
20%लार्ज कैप, मिड कैप फंड्स

आज हमने  Power of Compounding in SIP makes you Crorepati in Hindi या SIP में कंपाउंडिंग की ताकत आपको बना सकती है करोड़पति को भली भांति समझा हम आगे भी म्यूच्यूअल फंड एवं पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित ऐसे और भी रोचक टॉपिक आपके लिए लाते रहेंगे ।

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