चार रणनीतियों की मदद से होम लोन के बोझ को कम करे, 4 strategies to reduce home loan burden
चार रणनीतियों की मदद से होम लोन के बोझ को कम करे, 4 strategies to reduce home loan burden – भारत सरकार ने कोविड महामारी के दौरान होम लोन के ब्याज दरों पर कुछ छूट की घोषणा की थी, किन्तु समय के साथ महामारी कंट्रोल में आ रही है, और अर्थव्यवस्था वापस से बाउंस बेक कर रही है, ऐसे में अर्थव्यवस्था को स्टेबल और धन की लिक्विडिटी को बनाये रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कुछ महीनो में रेपो रेट में वृद्धि की है, जिसके कारण होम लोन के रेट्स में भी इज़ाफा हुआ है।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में बदलाव (Repo rate change by Reserve Bank of India)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले हफ्ते 50 बेसिस पॉइंट (बीपीएस) रेपो दर में वृद्धि की घोषणा की , यह वृद्धि मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से की गई है, वृद्धि के बाद रेपो दर वापस से कोरोना महामारी के पहले वाले रूप में आ गई है जो की 5.40 प्रतिशत है।
मई 2022 में 40 बीपीएस (एक आधार अंक 0.01 प्रतिशत अंक) के अनिर्धारित संशोधन के साथ शुरू होने वाले इस वित्तीय वर्ष में यह तीसरी दर वृद्धि है। मई और अगस्त के बीच क्युमुलेटिव रेपो दर वृद्धि 140 बेसिस पॉइंट है।
पुरानी ब्याज दर प्रणालियों (MCLR and Base Rate) से जुड़े होम लोन भी महंगे हो जाएंगे, उच्च रेपो दर से उनके फंड की लागत बढ़ जाएगी।
कर्जदारों को क्या करना चाहिए? (What should borrowers do?)
आमतौर पर बैंक इंटरेस्ट दरों में वृद्धि होने पर ईएमआई (EMI) बढ़ाने के बजाय, लोन अवधि का विस्तार करते हैं। ऐसा होने पर आप बैंक को लोन अवधि बढ़ाने करने दे सकते हैं या (ईएमआई) बढ़ाने का विकल्प चुन सकते हैं। ईएमआई बढ़ाने के विकल्प की तुलना में कार्यकाल बढ़ाने के विकल्प में आपको बैंक को अधिक ब्याज देना होगा।
उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आपने 50 लाख रुपये का होम लोन 7.55 प्रतिशत सालाना ब्याज पर लिया है, जिसकी अवधि 25 साल है। तो आपके होम लोन की ईएमआई 37,112 रुपये होगी। मन लीजिये अभी के जैसे ब्याज दरो में 50 बीपीएस की बढ़ोतरी होती है तो इसके बाद संशोधित दर 8.05 प्रतिशत हो जाएगी। यदि आप कार्यकाल बढ़ाने का विकल्प नहीं चुनते हैं, तो आपकी ईएमआई बढ़कर 38,757 रुपये हो जाएगी, जिसके फलस्वरूप आपको प्रति माह 1,645 रुपये अधिक खर्च करेंगे। 25 वर्षों में ब्याज बोझ में कुल वृद्धि 4.93 लाख रुपये होगी।
ऐसे मामलो में हमेशा बैंक लोन की अवधि को बढ़ाना पसंद करते हैं, इसलिए होम लोन लेने वालों के लिए ब्याज व्यय 15-25 वर्षों के कार्यकाल में तेजी से बढ़ सकता है।
इसी उदाहरण में, यदि बैंक ईएमआई को बरकरार रखते हुए लोन अवधि बढ़ाने का निर्णय लेता है, तो चुकौती अवधि 50 महीने से बढ़ जाएगी और आपका लोन की अवधि 25 साल से बढ़ कर 29 साल और दो महीने हो जाएगी। और ग्राहक को इस ब्याज दर में संशोधन के कारण 18.57 लाख रुपये अतिरिक्त ब्याज का भुगतान करना होगा।
ब्याज व्यय पर बचत के लिए पूर्व भुगतान
मान लीजिए कि आपने 25 साल के कार्यकाल में 8.05 प्रतिशत पर 50 लाख रुपये का होम लोन लिया है। ईएमआई 38,757 रुपये होगी। यदि आप बिना किसी पूर्व भुगतान के अपनी नियमित ईएमआई का भुगतान करना जारी रखते हैं , तो आपको 25 वर्षों में कुल 66.27 लाख रुपये का ब्याज देना होगा।
इसका मतलब साफ़ है कि जब भी बैंको द्वारा ब्याज की दरो में इज़ाफा होता है तो ग्राहकों को बढ़ती दर के माहौल में, अपनी लोन चुकौती रणनीति पर पुनर्विचार करना चाहिए और बढ़ती ब्याज लागत को बचाने के लिए पूर्व भुगतान करने पर विचार करना चाहिए ।
आज हम होम लोन के बोझ को कम करने के लिए यहां चार रणनीतियों पर चर्चा करेंगे । इन रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए हम उदाहरण के लिए हम लोन का अमाउंट 50 लाख ले रहे है जो की 25 साल के कार्यकाल के लिए होगा और जिस पर ब्याज की दर होगी 8.05 प्रतिशत! इस हिसाब से ग्राहक के लिए प्रतिमाह बनने वाली ईएमआई का अमाउंट होगा 38,757 रुपये ।
हर महीने चुकाएं 10 फीसदी ज्यादा ईएमआई (Pay 10 percent more EMI every month)
व्यवस्थित, नियमित रूप से किया गया पूर्व भुगतान आपके होम लोन की बकाया राशि को कम करने में काफी मददगार होता है। लगभग हर साल हमे हमारी सैलरी में इन्क्रीमेंट मिलता है। तो सैलरी में इन्क्रीमेंट के साथ हमेअपनी ईएमआई को भी बढ़ाने पर विचार करना चाहिए।
38,757 रुपये की अपनी नियमित ईएमआई पर, 10 प्रतिशत (3,875 रुपये) जोड़ें और लोन अवधि के दौरान 42,632 रुपये की मासिक ईएमआई का भुगतान करें। इससे आपको ब्याज भुगतान पर 18 लाख रुपये की बचत करने और 20वें वर्ष तक अपना लोन बंद करने में मदद मिलेगी।
एकमुश्त पूर्व भुगतान करें (Make lump-sum prepayment)
अगर ईएमआई बढ़ाने के लिए आपको अपने मासिक बजट में फेरबदल करना मुश्किल लगता है, तो आप वार्षिक बोनस को इस काम के लिए मदद में ले सकते है। अगर आप हर साल 1 लाख रुपये का प्री-पेमेंट कर सकते हैं, तो आप अपने ब्याज आउटगो को 27 लाख रुपये तक कम कर सकते हैं और 16वें साल में लोन चुका सकते हैं। अगर आप एक बड़ी राशि का भुगतान प्री-पेमेंट के लिए करेंगे तो स्वाभाविक रूप से कुल देय ब्याज में बहुत बड़ा अंतर आपको देखने मिलेगा।
हर साल एक अतिरिक्त ईएमआई का भुगतान करें (Pay an extra EMI every year)
अगर आप एक बार में बड़ी राशि होम लोन के प्री-पेमेंट में जमा नही भी करते है तो, एक छोटी एकमुश्त राशि – मान लीजिए, सिर्फ एक अतिरिक्त ईएमआई – के परिणामस्वरूप भी आपकी बड़ी बचत हो सकती है। उदाहरण के लिए, प्रति वर्ष एक अतिरिक्त ईएमआई आपके ब्याज व्यय को 16 लाख रुपये और कार्यकाल को पांच साल तक कम कर सकती है।
अपने ऋणदाता को बदलना (Switch your lender)
अगर आपको लगता है कि बैंक या वित्तीय संस्थान द्वारा ली जाने वाली मौजूदा ब्याज दर महंगी है, तो आप होम लोन बैलेंस ट्रांसफर के बारे में सोच सकते हैं। आज कल ब्याज दरें ऐतिहासिक रूप से कम हैं, इसलिए शेष मूलधन को किसी अन्य ऋणदाता के पास स्विच करके जहाँ अनुकूल ब्याज दर हो, आप अवधि के दौरान एक महत्वपूर्ण राशि बचाने में सक्षम हो सकते हैं।
होम लोन को री-फाइनेंसिंग करना शुरुआती के वर्षो में बेहद फायदेमंद होता है क्यूंकि शुरुवाती समय में ब्याज घटक ईएमआई में मूल राशि से अधिक होता है।हालांकि, बदलाव करने से पहले, ब्याज दरों की अच्छी तरह से तुलना करें और गणना करें कि अंतर आपके मासिक ईएमआई भुगतान को कितना प्रभावित करता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
आप अपने लोन के बोझ को कम करने और अपने लोन को पहले से बंद करने के लिए इनमें से कोई भी रणनीति चुन सकते हैं। उधारकर्ता उपरोक्त रणनीतियों के संयोजन के साथ-साथ पूर्व भुगतान योजना को और तेज करने पर विचार कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, हर साल ईएमआई में 10 प्रतिशत की वृद्धि करना और सालाना 1 लाख रुपये का प्री-पे करने के लिए बोनस का उपयोग करना।
आज के आर्टिकल में आपने देखा की कैसे चार रणनीतियों की मदद से होम लोन के बोझ को कम कर सकते है (4 strategies to reduce home loan burden) अगर इसके बाद भी अगर आपके मन में कोई सवाल है तो मेरे कमेंट बॉक्स में आकर पूछे मैं आपके सवालों का जवाब अवश्य दूंगा, तब तक के लिए बने रहिये हमारे साथ apneebachat.com पर! मिलते हैं अगले आर्टिकल में धन्यवाद।