शेयर मार्किट क्या है, कैसे ये स्टॉक मार्किट से अलग है, इसके रिस्क और रिटर्न्स, What is Share Market and its Basics, Risk and Returns in Hindi
शेयर मार्किट क्या है, कैसे ये स्टॉक मार्किट से अलग है, इसके रिस्क और रिटर्न्स, What is Share Market and its Basics, Risk and Returns in Hindi – आजकल के समय में हर इंसान आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनना चाहता है और ऐसा करने के लिए उसे पैसे कमाने के साथ उन पैसों की बचत कैसे करें, इस बात का ज्ञान होना भी अति आवश्यक है।
अगर आप भी अपने पैसों की बचत करना शुरू कर चुके है और अब यह जानना चाहते है की अब इन पैसों का कैसे और भी अच्छा उपयोग करें तो यह लेख आप ही के लिए है।
आज हम इस आर्टिकल में पैसों के निवेश करने के सबसे अच्छे और प्रसिद्ध तरीके के बारे में जानेंगे। इस तरीके में आप अपने पैसे शेयर मार्केट में लगाते हैं।
जहां से थोड़ी सी सूझ-बुझ के इस्तेमाल से आपको सोने और जमीन से भी अच्छा return मिल सकता है पर इस बात का ध्यान हमेशा रखें की भले ही आपको अच्छा रिटर्न मिलें पर यहां पर risks भी काफी सारे होते है। और इनसे बचने के लिए आपको शेयर मार्केट से जुड़ी सारी बेसिक बातों के बारे में अच्छे से मालूम होना चाहिए।
तो अगर आप भी निवेश की दुनिए में नए नए है और अपना पैसा शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना चाहते है तो इस लेख को ध्यान से पढ़ें क्योंकि यहाँ पर आपको शेयर मार्केट और इससे जुड़ी सारी जानकारियाँ जैसे शेयर मार्केट क्या है, risk basics, risks, return आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएंगी।
शेयर मार्केट क्या है? (What is Share Market)
तो आइए सबसे पहले जानते है की शेयर मार्केट आखिर है क्या? तो अगर बहुत ही सरल शब्दों में कहाँ जाए तो शेयर मार्केट वह जगह है जहां पर शेयर या तो इश्यू होते है या फिर उनकी खरीदी बिक्री की जाती है।
शेयर मार्किट और स्टॉक मार्किट में अंतर
शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट का मतलब भी काफी हद तक समान ही होता है बस इन दोनों में एक अंतर होता है की शेयर मार्केट में बस आप शेयर की ट्रेडिंग कर सकते हैं पर स्टॉक मार्केट में आप ना सिर्फ लिस्टेड कम्पनीज के शेयर बल्कि म्यूचुअल फंड, डेरिवेटिव, बॉन्ड जैसे कई वित्तीय साधनों का लेन-देन भी कर सकते हैं।
शेयर मार्केट के प्रकार? (Types of Share Market)
मुख्य रूप से शेयर मार्केट दो प्रकार के होते है जिनके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है।
1. प्राइमरी मार्केट (Primary Market) – यह वह मार्केट है जहां पर कोई कंपनी तब रजिस्टर करती है जब उसे अपना कैपटल बढ़ाना होता है। इसके लिए वह खुद को रजिस्टर करके एक निश्चित राशि के शेयर्स इश्यू करती है और पैसे जुटाती है। इसे स्टॉक एक्सचेंज में खुद को लिस्ट कराना भी कहतें है।
2. सेकेंडरी मार्केट (Secondary Market) – प्राइमरी मार्केट के बाद अब बारी आती है सेकेंडरी मार्केट की। सेकेंडरी मार्केट में कंपनी की वो नई प्रतिभूतियाँ बिकती है जो की पहले प्राइमरी मार्केट में बिक चुकी होती है। इन प्रतिभूतियों की ट्रेडिंग अब सेकेंडरी मार्केट में की जाती है। यहाँ पर निवेशकर्ता अपने शेयर को बेचते या फिर दूसरे निवेशकर्ता से खरीदते है। अक्सर यह देखा गया है की निवेशकर्ता यह लेन-देन किसी ब्रोकर की मदद से करते है और ब्रोकर इस काम के लिए उनसे एक निश्चित राशि कमीशन के रूप में चार्ज करता है।
शेयर बाजार की मूल बातें (Share Market Basics)
अब जबकी आपने शेयर मार्केट के बारे में जान लिया है तो अब आप इससे जुड़ी कुछ बेसिक बातों के बारे में भी जान लीजिए क्योंकि ट्रेडिंग करने के लिए इन चीजों के बारे में आपका जानना बहुत ही जरूरी है।
शेयर/Shares
तो आइए बात करते है सबसे जरूरी प्रश्न की। किसी भी नए निवेशक के मन में सबसे पहले यही आता है की आखिर शेयर क्या है। शेयर्स को स्टॉक, स्क्रैप इक्विटी जैसे नामों से भी जाना जाता है और जो लोग शेयर खरीदते है उन्हे शेयर होल्डर या स्टॉकहोल्डर के नाम से जाना जाता है।
तो शेयर किसी कंपनी और उसके फाइनेंशियल ऐसेट की इकाई होती है। शेयर खरीद कर आप किसी कंपनी का कुछ हिस्सा खरीद सकते है। उस कंपनी का कितना प्रतिशत हिस्सा आपके अंदर आता है यह आपके द्वारा कंपनी के शेयर्स खरीदने में लगाई गई राशि पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए मान लीजिए अपने किसी कंपनी के 50% शेयर्स खरीद रखें है तो इस वजह से आप कंपनी के आधे हिस्से के मालिक माने जाएंगे।
Initial Public Offering (IPO)
अब दूसरा सवाल है की आखिर कंपनियां अपने शेयर्स लिस्ट कैसे करती है? तो इसका उत्तर यह है की जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स जनता को बेचना चाहती है तो इसे Initial Public Offering IPO कहते है। ऐसा करने के लिए उस कंपनी को कुछ नियम और शर्तों का पालन करना पड़ता है।
IPO के बारे में डिटेल में पढ़े – Initial Public Offering IPO किसे कहते है? ये कैसे काम करता है?
स्टॉक एक्सचेंज/Stock Exchange
स्टॉक एक्सचेंज वह जगह है जहां पर Stocks को खरीदा और बेचा जाता है। यहाँ पर शेयर बेचने वाले और शेयर खरीदने वाले आपस में मिलते है और बिजनेस करते है।
भारत में दो मुख्य स्टॉक एक्सचेंज जिनके बारे में नीचे बताया गया है।
- Bombay Stock Exchange (BSE) – Bombay Stock Exchange भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। इसे सन 1875 में स्थापित किया गया था। यह एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज था।
- National Stock Exchange (NSE) – National Stock Exchange मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित है और भारत के बड़े स्टॉक एक्सचेंज में से एक है। इसकी स्थापना सन 1992 में हुई थी।
आप पढ़ रहे है – What is Share Market? Share Market Basics, Risk and Returns in Hindi
शेयर बाजार सूचकांक
Share Market Index – Bombay Stock Exchange और National Stock Exchange दोनों के अंतर्गत हजारों कंपनियां लिस्टेड होती है। ऐसे में शेयर बाजार सूचकांक की मदद से निवेशक को टॉप या बॉटम कंपनियों के शेयर ढूंढने में काफी आसानी होती है। शेयर बाजार सूचकांक में मुख्य रूप से दो सूचकांक आते है, Nifty और Sensex।
इनके अलावा भी और भी बहुत से सूचकांक है जैसे निफ़्टी फार्मा, small cap, निफ्टी मिडकैप आदि भी है पर इन दोनों को ही ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। इन सूचकांक को देखकर ही यह पता चलता है की अभी बाजार की क्या स्थिति है। यह सूचकांक पूरे दिन में कई बार बदलते रहते हैं।
Nifty
Nifty 50 उन टॉप 50 कंपनियों का समूह है जिन्हे National Stock Exchange (NSE) पर लिस्ट किया गया है। यहाँ पर लिस्ट गई कंपनियों से स्टॉक मार्केट की तत्कालीन स्थिति और देश की अर्थ-व्यवस्था पर भी बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है।
Sensex
उन टॉप 30 stocks का समूह है जिन्हे National Stock Exchange (NSE) पर लिस्ट किया गया है।
रिस्क/जोख़िम
Risks – अब बात करते है शेयर बाजार की सबसे जरूरी बातों में से एक रिस्क की। एक निवेशक के लिए ये जानना बहुत जरूरी है की शेयर मार्केट में निवेश करने में बहुत से रिस्क भी जुड़े होते है।
तो आइए जानते शेयर मार्केट से जुड़े कुछ खास रिस्क के बारे में
लिक्विडिटी रिस्क
Liquidity Risk – बहुत अधिक कर्ज में डूबी कंपनी में निवेश करने वालों को इस तरह के रिस्क का सामना करना पड़ सकता है। इस तरह की कंपनी में निवेश काफी सोच समझ कर ही करना चाहिए।
मार्केट रिस्क
Market Risk – यह एक प्रकार का सिस्टमैटिक रिस्क है। यह मार्केट के रोजाना आ रहे उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। लॉंग टर्म की इनवेस्टमेंट में मार्केट रिस्क का खतरा काफी कम होता है।
बिजनेस रिस्क
Business Risk – इस तरह का रिस्क बिजनेस के चलने या ना चलने पर निर्भर करता है। कई बार ऐसा होता है की बिजनेस अच्छे से नहीं चल रहा है या फिर उम्मीद के अनुसार मुनाफा ना हो तो बिजनेस डाउन हो जाता है। पर अगर बिजनेस अच्छे से चल रहा है तो ये यह रिस्क काफी कम हो जाता है।
इन्टरेस्ट रेट रिस्क
Interest Risk – ग्लोबल मार्केट की ब्याज दरें अक्सर बदलती रहती हैं। इन दरों के बढ़ने या घटने सीधा का असर स्टॉक्स पर पड़ता है। कई बार ऐसा होता है की जब ब्याज दरें बढ़ जाती है तो कंपनी को अगर पैसे उधार लेने में काफी मुश्किल आती है। इन दरों के बढ़ने से बॉन्ड मार्केट पर भी काफी बुरा असर पड़ता है।
रिटर्न्स
Return – किसी परियोजना, परिसंपत्ति या निवेश में आए हुए बदलाव को ही Return कहते है। यह बदलाव धनराशि या प्रतिशत परिवर्तन के रूप में देखी जा सकती है। रिटर्न भी मुख्य रूप दो प्रकार का होता है।
पॉजिटिव रिटर्न
Positive Return – जब निवेश के बाद निवेशक को मुनाफा होता है तो इस प्रकार के रिटर्न को पॉजिटिव रिटर्न कहते हैं।
नेगेटिव रिटर्न
Negative Return – जब निवेश के बाद निवेशक को घाटा होता है तो इस प्रकार के रिटर्न को नेगेटिव रिटर्न कहते हैं।
शेयर बाजार में निवेश कैसे करें
How to invest in share market – आइये हम जानते है कि शेयर मार्किट में कैसे निवेश किया जाता है लेकिन उससे पहले ये जानना जरूरी है कि आपको निवेश के लिए अकाउंट खुलवाने की जरुरत पड़ेगी।
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए आप दो तरह के अकाउंट खोल सकते है।
- Trading account: अगर आप बस शेयर खरीदना और बेचना चाहते है तो आपको बस एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ेगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि सामान्य तौर पर ट्रेडर एक ही दिन में शेयर खरीदते और बेचते है और इस काम के लिए एक ट्रेडिंग अकाउंट ही काफी है।
- Demat account: Demat account की जरूरत आपको तब पड़ेगी जब आपके शेयर electronic form में स्टोर किए जाते है। इस तरीके में शेयर पहले डीमटीरियलाइज़ होते है फिर आपके डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर होते है। इस काम में कम से कम 2 दिन का समय तो लग ही जाता है। आपको किसी भी इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म पर डीमैट अकाउंट मिल जाएगा।
तो ये शेयर मार्केट और उससे जुड़ी सारी मुख्य जानकारियाँ थी। तो इन सारी बातों को ध्यान से पढ़ें और अभी से बचत और निवेश पर अधिक ध्यान देना शुरू कर दें।
डिसक्लेमर: स्टॉक मार्किट निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन हैं, योजना से संबंधित सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें।