गर इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो दिवाली नही करेगी आपकी ज़ेब खाली | 5 Smart Money Decisions to follow this Diwali

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Smart Money Decisions to follow this Diwali

गर इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो दिवाली नही करेगी आपकी ज़ेब खाली, 5 Smart Money Decisions to follow this Diwali

गर इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो दिवाली नही करेगी आपकी ज़ेब खाली, 5 Smart Money Decisions to follow this Diwali – दिवाली आ ही गई है और इसी कारण हम सभी की खुशी पहले से ही अधिक है। पारंपरिक दिवाली समारोहों में कई तरीके की परम्पराएँ शामिल होती हैं – मिठाई, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, आभूषण आदि उपहार के रूप में देने की परंपरा होती है। हालांकि, ऐसे उपहारों का मतलब होता है ज्यादा से ज्यादा खर्च करना और जिसके कारण आपके फाइनेंस पर इसका काफी कुछ असर पड़ता है।

साल भर में आने वाले इस त्यौहार दिवाली में उपहार देने और खरीदारी न करने का कोई और विकल्प नही है, बड़े से बड़े और छोटे से छोटे लोग इस समय अपनी हैसियत के हिसाब से दिल खोल कर खर्च करते है, लेकिन आप हमेशा इस बारे में स्मार्ट विकल्प चुन सकते हैं जिससे की त्यौहार में होने वाले खर्चो से हमारा बजट और मूड दोनों ही न बिगड़े।

तो चलिए जानते है वो कौन से विकल्प है जिनकी मदद से आप त्यौहार के इस मौसम में त्योहारों के मजे के साथ आप अपने फाइनेंस को भी बिगड़ने नही देंगे।

अधिक खर्च से बचने के लिए त्योहारी बजट बनाएं (Make a festive budget to avoid overspending)

दिवाली के बाद, अगर आपको भी लगता है कि इस दिवाली जरुरत से ज्यादा ही खर्च हो गया है तो उसका प्रमुख कारण है बिना सोचे समझे, अधिक खर्च करना है, वो भी खासकर उन चीजों पर जिनकी आपको आवश्यकता नहीं है। स्क्रिपबॉक्स के चीफ बिजनेस ऑफिसर अनूप बंसल कहते हैं, ”इससे बचने के लिए फेस्टिव बजट (festive budget) और फेस्टिव फंड (festive फंड) होना जरूरी है।

इसके लिए आप उन सभी वस्तुओं को एक क्रम में लिखे जिन्हें आप खरीदना चाहते हैं और ये और भी अच्छा होगा की आप उन सभी वस्तुओं के उनकी जरुरत की प्राथमिकता के हिसाब से लिस्ट में जोड़े। जैसे ही आप लिस्ट में प्राथमिकता के हिसाब से ऊपर से नीचे आते है आपको करना ये है कि आपको, प्राथमिकता वाली वस्तुओं के लिए अधिक धन आवंटित करना है और जैसे जैसे आप नीचे आयेंगे ये आवंटित धन कम होता जाएगा।

आप इसे विवेकपूर्ण तरीके से खर्च करके भी पैसे बचा सकते हैं, जैसे घरेलू सामान, मिठाई आदि के लिए थोक-खरीद के अवसरों का लाभ उठाना, या कोई विशेष सीजनल ऑफ़र।

इसके अलावा, अपने बजट से विचलित होने से बचने के लिए इस पर नज़र रखें।

त्योहारी छूट या फेस्टिव डिस्काउंटस के लिए तैयार रहे , लेकिन भ्रामक ऑफ़र के झांसे में न आएं (Say yes to festive discounts, but don’t fall for illusive offers)

बैंक और फिनटेक फर्म ग्राहकों को लोन के रूप में उधार देने के लिए हमेशा तैयार रहते  हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि आपको सिर्फ आंख मूंदकर कर्ज ले लेना चाहिए।

इसके अलावा, त्योहारों के सीजन में ऑनलाइन और ऑफलाइन स्टोर्स आकर्षक नो-कॉस्ट ईएमआई और बाय नाउ पे लेटर (बीएनपीएल) जैसी योजनाओं के साथ ग्राहकों को लुभाने के लिए बहुत सी स्कीम मार्किट में ले कर आते  हैं।

नो-कॉस्ट ईएमआई स्कीम ऐसे लोन ऑफर हैं जिनमें किसी उत्पाद या सेवा का खरीदार समान किश्तों में उत्पाद के विक्रय मूल्य का भुगतान करता है । जब आप उत्पाद और ऑफ़र पर ‘नो-कॉस्ट ईएमआई’ योजनाओं के आधार पर खरीदते हैं, तो हो सकता है कि आपको उस प्रोडक्ट पर कैश डिस्काउंट का फायदा न मिले, जबकि अगर आप कैश में या कार्ड से पेमेंट करे तो आपको उस उत्पाद से जुडी योजना के तहत कुछ कैश डिस्काउंट मिल सकता  है।

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बीएनपीएल योजना एक फिनटेक फर्म द्वारा दिया गया पर्सनल लोन है। कुछ ई-कॉमर्स दिग्गज और फिनटेक उधार देने वाली फर्में हैं जैसे अमेज़न पे लेटर, फ्लिपकार्ट पे लेटर, लेज़ीपे , सिंपल , जेस्टमनी आदि, जो उपभोक्ताओं को खरीदारी के दौरान बाद में भुगतान करने की अनुमति देती हैं। बिलिंग साइकिल  के दौरान की गई सभी खरीदारियों को जोड़ा जाता है, जिसके लिए आप बाद में भुगतान कर सकते हैं।

बंसल कहते हैं, ‘कुछ ऑफर एक भ्रम हो सकते हैं क्योंकि अक्सर रिटेलर कीमत बढ़ा देते हैं और डिस्काउंट लागू कर देते हैं।

क्रेडिट कार्ड के अति उपयोग न करें (Say NO to overuse of credit cards)

आज के समय में जब एकदम से पैसा पास में नही होता है तो क्रेडिट कार्ड एक वरदान की तरह है, अगर समझदारी से इस्तेमाल किया जाए। यह आपको कैशबैक, एयर माइल्स, रिवार्ड पॉइंट्स और विशेष छूट जैसी सुविधाओं जैसे रिवॉर्ड्स की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है।

”लेकिन वही दूसरी ओर आप क्रेडिट कार्ड की सीमा से अधिक खर्च करने आप आप कर्ज के जाल में फंस सकते हैं . ”

क्रेडिट कार्ड पर, बकाया राशि को ईएमआई में बदलने पर ब्याज शुल्क लगता है। देय तिथियों (due डेट) के बाद  भुगतान के लिए विलंब भुगतान शुल्क late payment fees और बकाया देय राशि के partial payment /आंशिक भुगतान के लिए एक सुविधा शुल्क भी हैं।

आजकल, क्रेडिट कार्ड आपको आसान ईएमआई की सुविधा प्रदान करते हैं, लेकिन इससे आपका कर्ज बढ़ जाता है। और त्योहारी सीजन खत्म होने के बाद, आप ईएमआई और/या ब्याज का भुगतान करने वाले व्यक्ति हो जाते हैं। “ज्यादा खर्च और आसान ईएमआई दिवाली के बाद आपके बजट को प्रभावित कर सकती है। इसलिए, इससे बचें ।

ऑफ़र के लाभों की गणना के लिए अपना गणित सही करें (Do your math right for calculating offer benefits)

ज्यादातर बैंकों और ई-कॉमर्स साइट्स ने त्योहारी माहौल का फायदा उठाने के लिए डेबिट/क्रेडिट कार्ड पर कैशबैक ऑफर्स लॉन्च किए हैं। ये ऑफ़र मुख्य रूप से कुछ ब्रांड या डिपार्टमेंट स्टोर के टाई-अप के साथ प्रदान किए जाते हैं। माईमनीमंत्रा के संस्थापक राज खोसला कहते हैं, “गैजेट्स, परिधान, घर और रसोई के आवश्यक सामान, फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खरीदने के इच्छुक ग्राहक अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए इन ऑफ़र को कार्ड पर बंडल कर सकते हैं । “

बैंक/ई-कॉमर्स कंपनियां ऐसी बिक्री के लिए कमीशन कमाती हैं, लेकिन याद रखें कि आप अपनी मेहनत की कमाई खर्च कर रहे हैं। बंसल कहते हैं, ”गिफ्ट वाउचर या त्वरित रिवॉर्ड प्वॉइंट जैसे ऑफर आपको त्योहारों के मौसम में अधिक खर्च करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं.” हालांकि, याद रखें कि आपका शॉपिंग बजट इन ऑफर्स से निर्धारित नहीं होना चाहिए।

1,000 रुपये खर्च न करना 2,000 रुपये की खरीद पर 1,000 रुपये की बचत करने की तुलना में वास्तविक बचत है।

बचत और निवेश का विकल्प चुनें (Opt for savings and investments)

ख़र्चों के मौसम में आप ख़र्चे भी इस तरह से कर सकते हैं जिससे आपकी वेल्थ बढ़ाने में मदद मिल सके। उदाहरण के लिए, आप सोना या चांदी जैसी संपत्ति खरीद सकते हैं; धनतेरस पर ऐसी संपत्ति खरीदने की भी परंपरा है।

अंततः, ये निवेश हैं क्योंकि समय के साथ इनका मूल्य बढ़ता जाता है। वैकल्पिक रूप से, आप इस त्योहारी सीजन में इक्विटी में भी निवेश कर सकते हैं। यदि आप इस वर्ष निवेश पर अपना खर्च सही करते हैं, तो संभावना है कि आप आने वाले वर्षों में उपहार खरीदने के लिए उन पर अर्जित रिटर्न का उपयोग कर सकते हैं – लंबी अवधि के बारे में सोचें।

‘अगर आप त्योहारी ऑफर्स के दौरान ज्यादा खरीदारी करने की योजना बना रहे हैं, तो रिटेल स्टोर्स के बीच कीमतों की तुलना करके पता करें कि क्या वे अग्रिम छूट (upfront discount) की पेशकश करते हैं और क्या टोटल कॉस्ट ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर मौजूद कीमतों से कम है। अगर हाँ तो आप वहां से ख़रीदे जहाँ से आपको बचत हो रही है।

निष्कर्ष (Conclusion)

आज के लेख में हमने आपको बताया की अगर इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो दिवाली नही करेगी आपकी ज़ेब खाली (5 Smart Money Decisions to follow this Diwali), अगर इसके बाद भी अगर आपके मन में कोई सवाल है तो मेरे कमेंट बॉक्स में आकर पूछे मैं आपके सवालों का जवाब अवश्य देंगे, तब तक के लिए बने रहिये हमारे साथ apneebachat.com पर! मिलते हैं अगले आर्टिकल में धन्यवाद।