आप भी NPS सब्सक्राइबर और पेंशनर है तो अलर्ट हो जाइये, सरकार ने बदले NPS के 4 नियम, जानने के लिए बने रहिये हमारे साथ !

NPS एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट स्कीम है, जिसकी मदद से रिटायरमेंट के लिए एक अच्छा-खासा फंड तैयार किया जा सकता है 

NPS क्या है?

यह स्कीम साल 2004 में शुरू हुई थी और पहले इसमें सिर्फ सरकारी कर्मचारी ही  निवेश कर सकते थे. हालांकि, 2009 में इसे सभी के लिए खोल दिया गया. इस  स्कीम के तहत, रिटायरमेंट के समय यानी 60 साल की उम्र पूरी होने पर इकट्ठी  हुई राशि के एक हिस्से को एकमुश्त निकाल सकते हैं और शेष बची हुई राशि से  नियमित तौर पर पेंशन के रूप में आय पा सकते हैं. 

NPS कब शुरू हुई?

पेंशन फंड रेगुलेटरी और IRDAI ने हाल ही में नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) सब्सक्राइबर्स और पेंशनभोगियों के लिए कई बदलाव किए हैं। 

NPS के बदलाव किसने किये?

ई-नामांकन अनुरोध अगर स्टार्ट हो गया है तो नई प्रक्रिया प्रवाह के अनुसार, नोडल कार्यालय के पास इसे स्वीकार या अस्वीकार करने का विकल्प होगा।  यदि नोडल कार्यालय अपने आवंटन के 30 दिनों के भीतर अनुरोध के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं करता है, तो ये ऑटोमेटिकली approve हो जाएगा

01 एनपीएस ई-नॉमिनेशन प्रोसेस फ्लो 1 अक्टूबर से बदलेगा 

मेच्युरीटी पर एन्युटी योजना खरीदने के लिए कोई अलग फॉर्म नहीं  अब से, एनपीएस के एक्जिट फॉर्म को जीवन बीमा कंपनियों से वार्षिकी/एन्युटी (annuity) खरीदने के लिए प्रस्ताव फॉर्म के रूप में माना जाएगा। 

मेच्युरीटी पर एन्युटी योजना खरीदने के लिए कोई अलग फॉर्म नहीं

पेंशनभोगियों के लिए प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए Jeevan Praman जैसे जीवन प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए आधार-आधारित प्रमाणीकरण अपनाने की भी सलाह दी है ।

बीमा कंपनियों को डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना

प्राधिकरण ने एनपीएस के टियर- II खाते में भुगतान के तरीके के रूप में क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके सदस्यता / योगदान के भुगतान की सुविधा को रोकने का निर्णय लिया है। 

एनपीएस टियर -2 खाताधारक क्रेडिट कार्ड के माध्यम से योगदान नहीं कर सकते हैं

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