क्या आप जानते है ‘ब्लू चिप स्टॉक्स में ये ब्लू चिप नाम कहाँ से आया?, What are Blue Chip Stocks? Do you know where did the name ‘Blue Chip Stocks’ come from? – आज बहुत से लोग शेयर मार्किट में पैसा लगाते है और सोचते है हमे ऐसी कंपनियों के शेयर मिल जाये जिससे फायदा ही फायदा हो। किन्तु हम सब जानते है की शेयर मार्किट ज़ोखिमो के अधीन है। किन्तु फिर भी कुछ ऐसी कंपनियां है जिनमे पैसा लगा कर आप अपने ज़ोखिमो को कम कर सकते है।
आज के इस लेख में हम ऐसी ही कंपनियों के बारे में बात करने वाले है जिनमे अगर आप अपना पैसा निवेश करेंगे तो बहुत हद तक आपका पैसा सुरक्षित रह सकता है, इनके बारे में जाननें के लिए बने रहे हमारे साथ अंत तक –
‘ब्लू चिप स्टॉक्स’ क्या है (What are ‘Blue Chip Stocks’)
अगर इसकी डेफिनिशन पर जाये और आसान शब्दों में समझे तो ब्लू चिप स्टॉक बहुत बड़ी और well known या कंपनियों के शेयर होते हैं जिनके फाइनेंसियल परफॉरमेंस की काफी अच्छी लम्बी और अच्छी हिस्ट्री रही है।
इन शेयरों को मार्किट की टफ कंडीशन को सहन करने और acchi market कंडीशन में हाई रिटर्न देने की क्षमता के लिए जाना जाता है। ब्लू चिप शेयरों की कीमत आम तौर पर अधिक होती है, क्योंकि मार्किट में इनकी अच्छी रेपुटेशन होती है और अक्सर वे अपने जैसी इंडस्ट्रीज में मार्किट लीडर होते हैं।
ये शब्द कैसे बने उसके पीछे एक मजेदार कहानी है, तो चलिए जानते है
पहला किस्सा (First Reason)
डॉव जोन्स जो की अमेरिका का रेप्युटेड शेयर मार्किट है, में काम करने वाले ओलिवर गिंगोल्ड ने 1923 में ‘ब्लू चिप’ वर्ड दिया।
एक दिन गिंगोल्ड एक ब्रोकरेज फर्म में स्टॉक टिकर के पास खड़े स्टॉक्स की लिस्ट को देख रहे थे, तभी उन्होंने देखा कि बहुत से स्टॉक $ 200 य्रति शेयर से अधिक पर कारोबार कर रहे है। उन्होंने उन्हें ‘ब्लू चिप स्टॉक्स’ कहा और उन पर एक लेख लिखा। इस तरह इस bluechip वर्ड का जन्म हुआ।
तब से इस शब्द का उपयोग high priced वाले शेयरों के बारे में बताने के लिए किया जाने लगा। लेकिन अब इसका उपयोग आमतौर पर high quality वाले शेयरों के बारे में बताने के लिए किया जाता है। ये ऐसे स्टॉक हैं जो आम तौर पर लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न देते हैं।
दूसरा कारण (Second Reason)
कुछ लोग पोकर के खेल में ब्लू चिप स्टॉक को ब्लू बेटिंग डिस्क से भी संबंधित करते हैं, जहां ब्लू डिस्क का मूल्य सबसे अधिक होता है जबकि सफेद का सबसे कम होता है।
ब्लू-चिप स्टॉक्स की विशेषताएं (Features of Blue-Chip Stocks)
ब्लू-चिप स्टॉक की विशेषताएं नीचे दी गई हैं –
- सुनिश्चित रिटर्न (Assured Returns)- ब्लू-चिप स्टॉक डिविडेंड के रूप में क्वार्टरली रिटर्न उत्पन्न करते हैं। यहाँ ये बात ध्यान देने वाली है कि अच्छी तरह से स्थापित कंपनियां, अधिकांश निवेशकों के लिए एक सुरक्षित निवेश मार्ग के रूप में काम करती हैं। इस सुरक्षा के साथ स्थिर लेकिन गारंटीड रिटर्न कमाने का आश्वासन मिलता है।
- कंपनी की साख (Credit worthiness) – ब्लू-चिप कंपनियों के पास अपने वित्तीय बकाया (financial dues) और दायित्वों को आसानी से चुकाने के लिए पर्याप्त पूंजी होती है। यह, बदले में, ऐसी कंपनियों द्वारा जारी किए गए शेयरों की उच्च साख बनाता है।
- जोखिम कारक (Risk Factor) – ब्लू-चिप कंपनियों से जुड़े जोखिम कारक तुलनात्मक रूप से कम होते हैं क्यूंकि स्थिर वित्तीय प्रदर्शन वाली बड़ी कंपनियां इन शेयरों को जारी करती हैं। निवेशक अपने निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाकर ब्लू-चिप शेयरों से जुड़े जोखिम को और कम कर सकते हैं।
- निवेश क्षितिज (Investment Horizon) – निवेश की अवधि आमतौर पर 7 वर्ष से अधिक होती है। इस तरह की विस्तारित अवधि ब्लू-चिप को अपने लंबे निवेश क्षितिज के कारण दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उपयुक्त बनाती है।
- विकास की संभावना (Growth Potential) – ब्लू-चिप कंपनियाँ वे बड़ी कंपनियाँ हैं जो अपनी अधिकतम ग्रोथ क्षमता तक पहुँच चुकी हैं। यह ब्लू-चिप शेयरों को प्रभावित करता है जो समय के साथ धीमी लेकिन स्थिर वृद्धि से बढते हैं।
- टैक्सेशन (Taxation) – भारत में ब्लू-चिप शेयरों के माध्यम से उत्पन्न लाभ को इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80 सी के तहत आय के रूप में माना जाता है। शोर्ट टर्म कैपिटल गेन 15% की दर से टैक्सेशन के अधीन हैं। हालांकि, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन 1 लाख रुपये से अधिक 10% की दर से टैक्सेशन के अधीन हैं।
ब्लू-चिप स्टॉक्स में निवेश करने के कारण (Reason to invest in Blue Chip Stocks)
भारत में ब्लू-चिप स्टॉक को long टर्म वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक बढ़िया निवेश विकल्प माना जाता है।
ब्लू-चिप शेयरों में निवेश करने के कुछ कारण इस प्रकार हैं –
- यह उच्च रिटर्न प्रदान करता है जिसका भुगतान क्वार्टरली किया जाता है।
- कॉर्पस बिल्डिंग को सुगम बनाता है।
- पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन की सुविधा।
- मंदी, मुद्रास्फीति और आर्थिक ठहराव के प्रभाव को कम करता है।
हालांकि, उनकी उच्च कीमत के कारण, ब्लू-चिप शेयर छोटे निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं।
ब्लू-चिप शेयरों में किसे निवेश करना चाहिए? (Who should invest in blue-chip stocks?)
ब्लू-चिप स्टॉक वे स्टॉक होते हैं जो लगातार रिटर्न देते हैं और न्यूनतम जोखिम जुड़ा होता है। ऐसे शेयर उन निवेशकों के लिए आदर्श होते हैं जो सुरक्षित रिटर्न चाहते हैं। यह ऐसे सभी निवेशकों के लिए निवेश का एक अच्छा स्रोत है जो बाजार के उतार-चढ़ाव के कारण अपने निवेश को प्रभावित नहीं होने देना चाहते हैं।
ब्लू-चिप स्टॉक्स में निवेश के प्रमुख लाभ (Advantages of Investing In Blue-Chip Stocks)
मजबूत वित्तीय स्थिति, अच्छी मार्किट वैल्यूएशन और ब्लू-चिप शेयरों की साख उनके निवेशकों के पक्ष में कार्य करती है और उन्हें कई लाभ प्रदान करती है।
ब्लू-चिप स्टॉक निवेशकों को निम्नलिखित लाभ मिलते है –
- स्थिर और नियमित लाभांश (Stable and regular dividends) – बाजार की स्थितियों के बावजूद, ब्लू-चिप स्टॉक निवेशक अपने निवेश पर स्थिर रिटर्न प्राप्त करते हैं। इस तरह के रिटर्न लाभांश/डिविडेंड के रूप में उत्पन्न होते हैं जिन्हें आप क्वाटरली रूप में प्राप्त कर सकते हैं।
- वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने का अवसर (Opportunity to achieve financial goals) – एक लॉन्ग टर्म निवेश विकल्प होने के नाते यह 7 वर्षों से अधिक के निवेश क्षितिज के साथ आता है। जिससे यह निवेशकों को उनके संबंधित वित्तीय लक्ष्यों के लिए वर्षों में एक अच्छा कॉर्पस बनाने के लिए पर्याप्त समय देता है।
- पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन का लाभ – ब्लू-स्टॉक कंपनियां हाई-प्रोफाइल बिज़नेस आर्गेनाइजेशन होते हैं जो सिर्फ एक चैनल से रेवेन्यू उत्पन्न नहीं करते हैं, बल्कि ये कंपनियां बहुत तरीको से अपना रेवेन्यू बनाते है, इसी कारण इन्हें पोर्टफोलियो में जोड़ने से आपके पोर्टफोलियो को डायवर्सिफिकेशन मिलता है जिससे ज़ोखिम कम हो जाता है।
- लिक्विडिटी (Liquidity) – ब्लू-चिप कंपनियां बाजार में अपनी उच्च साख का फायदा उठाती हैं। जो ब्लू-चिप शेयरों के मार्किट वैल्यू को सीधे बढ़ाता है और उन्हें निवेशकों के लिए एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाता है। यह सीधे तौर पर ऐसे शेयरों की खरीद और बिक्री की सुविधा देता है जो तरल प्रकृति के होते हैं।
ब्लू चिप कंपनियों की पहचान कैसे करें? (How to identify blue chip companies?)
ब्लू चिप कंपनियों की पहचान करने के लिए कई बातो को देखा जाता है। इनमें लंबी अवधि में लगातार एनुअल रेवेन्यू, stable debt-to-equity ratio, return on equity (RoE), market capitalisation और price-to-earnings ratio (PE) के अलावा ब्याज कवरेज अनुपात शामिल हैं।
भारत की अग्रणी ब्लू चिप कंपनियां (Leading Blue Chip Companies of India)
Market capitalisation के अनुसार, भारत की अग्रणी ब्लू चिप कंपनियां –
- भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई),
- भारती एयरटेल,
- टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस),
- कोल इंडिया, रिलायंस इंडस्ट्रीज,
- एचडीएफसी बैंक,
- ओएनजीसी,
- आईटीसी,
- सन फार्मा, गेल (इंडिया) ,
- इंफोसिस और
- आईसीआईसीआई बैंक हैं।