पोर्टफोलियो में इक्विटी म्यूच्यूअल फंड को जोड़कर पायें टैक्स बेनिफिट के साथ मोटे रिटर्न का आश्वासन, What are Equity Mutual Funds in India or Equity Funds in Hindi
पोर्टफोलियो में इक्विटी म्यूच्यूअल फंड को जोड़कर पायें टैक्स बेनिफिट के साथ मोटे रिटर्न का आश्वासन, What are Equity Mutual Funds in India or Equity Funds in Hindi – इक्विटी फंड वे म्यूचुअल फंड हैं जो मुख्य रूप से शेयरों में निवेश करते हैं। यह पैसा एकमुश्त या एसआईपी के माध्यम से फंड में निवेश किया जाता हैं, जो बाद में आपकी ओर से विभिन्न इक्विटी शेयरों में निवेश किया जाता है।
पोर्टफोलियो में अर्जित gain और loss आपके फंड के Net Asset value नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) को प्रभावित करते हैं। बेशक, इसमें बहुत सी तकनीकी बारीकियाँ शामिल हैं, लेकिन यह इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश करने का एक महत्वपूर्ण गुण है। हालांकि, एक दीर्घकालिक निवेशक होने के नाते समय आपको एक इक्विटी म्यूचुअल फंड के कार्य के बारे में अधिक जानकारी जानने में मदद करता है। आइए हम उन्हें विस्तार से देखें।
इक्विटी म्यूचुअल फंड क्या हैं? (What are Equity Mutual Funds?)
What are Equity Funds? – एक इक्विटी म्यूचुअल फंड रिटर्न उत्पन्न करने के लिए विभिन्न कंपनियों के शेयरों में बड़े पैमाने पर निवेश करता है। अन्य प्रकार के म्यूचुअल फंडों की तुलना में इक्विटी फंड निवेश उच्च जोखिम से जुड़े होते हैं। इसके अलावा, इक्विटी फंड्स सभी के लिए एक जैसा नही है, मतलब की इसमें अलग अलग निवेश उद्देश्य के लिए विभिन्न प्रकार के इक्विटी फंड हैं, जिन्हें आप अपने जोखिम के हिसाब से अपने पोर्टफोलियो में जोड़ सकते है, इसीलिए कहा जाता है की ये सभी के लिए एक जैसा नही है।
इक्विटी फंड कैसे काम करते हैं? (How do equity funds work?)
इक्विटी म्यूचुअल फंड विभिन्न कंपनियों के इक्विटी शेयरों में एक प्रमुख अनुपात (अपनी कुल संपत्ति का 60% साठ प्रतिशत से अधिक) में निवेश करते हैं । यह asset allocation (परिसंपत्ति आवंटन) इक्विटी फंड के प्रकार और उसके निवेश उद्देश्य पर आधारित होता है। बाजार की स्थितियों के आधार पर, asset allocation (परिसंपत्ति आवंटन) को शुद्ध रूप से स्मॉल-कैप, मिड-कैप, या लार्ज-कैप कंपनियों के शेयरों में किया जाता है।
इक्विटी सेगमेंट के लिए एक महत्वपूर्ण अनुपात आवंटित करने के बाद, शेष राशि को डेब्ट फंड और अन्य मुद्रा बाजार साधनों में निवेश किया जाता है। ऐसा करने का मुख्य उद्देश्य रिस्क एलिमेंट को कम करना होता है और साथ ही साथ अचानक आने वाले रिडेम्पशन अनुरोधों का ध्यान रखना है।
इसके अलावा, फंड मैनेजर ग्रोथ-ओरिएंटेड या वैल्यू-ओरिएंटेड तरीके से निवेश करते है जिससे अपने असेसमेंट/आकलन के अनुसार अधिकतम रिटर्न जेनरेट करने वाली कंपनियों का चयन कर सके। आप पढ़ रहे है – What are Equity Mutual Funds in India or Equity Funds in Hindi
इक्विटी म्यूचुअल फंड में किसे निवेश करना चाहिए? (Who should invest in Equity Mutual Funds?)
जैसे की म्यूचुअल फंड में निवेश करने का आपका निर्णय आपके निवेश क्षितिज, जोखिम प्रोफ़ाइल और अन्य उद्देश्यों को एक साथ ध्यान में रख कर होता है, ठीक वही नियम इक्विटी फंड निवेश के लिए भी लागू है। यदि आपका निवेश लक्ष्य लॉन्ग टर्म (दीर्घकालिक) है, तो आपको इक्विटी फंड में निवेश करने की सलाह दी जाती है। यह बाजार की चाल और उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए आपके धन को बहुत समय जो की ग्रोथ के लिए जरूरी है, प्रदान करता है।
इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रकार क्या हैं? (Types of equity Funds)
Types of Equity Mutual Funds – इक्विटी म्यूचुअल फंड को निम्नलिखित आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है-
निवेश के उद्देश्य के आधार पर (Based on Investment Objective)
हालांकि सभी इक्विटी फंडों का मुख्य उद्देश्य आम तौर पर आपकी पूंजी को बढाना (capital appreciation) होता है, और इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, लिया गया जोखिम है जो भिन्न भिन्न लोगो के लिए भिन्न भिन्न होता है। यह आगे उन शेयरों के प्रकारों पर भी निर्भर करता है जिनमे इक्विटी फंड निवेश करते हैं। कुछ प्रकार के इक्विटी म्यूचुअल फंड अपने निवेश उद्देश्य के आधार पर हैं:
स्मॉल-कैप इक्विटी फंड (Small Cap Equity Fund)
ये इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम उन कंपनियों में निवेश करती हैं, जो अपने full market capitalization पूर्ण बाजार पूंजीकरण (सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार) के मामले में 250 से ऊपर होती हैं। इन फंडों को मिड-या लार्ज-कैप इक्विटी फंड्स की तुलना में जोखिम भरा माना जाता है, लेकिन यह अपेक्षाकृत अधिक रिटर्न दे सकते है। ऐसे शेयरों में फंड कुल संपत्ति का न्यूनतम 65% लगाते है।
मिड कैप इक्विटी फंड (Mid Cap Equity Fund)
ये इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम उन कंपनियों में निवेश करती हैं जो अपने full market capitalization (पूर्ण बाजार पूंजीकरण) द्वारा 101 और 250 के बीच रैंक करती हैं। इन फंडों को स्माल-कैप फंडों की तुलना में कम जोखिम वाला माना जाता है, लेकिन लार्ज-कैप फंडों की तुलना में अधिक जोखिम वाला माना जाता है । ऐसे शेयरों में भी फंड कुल संपत्ति का न्यूनतम 65% लगाते है।
लार्ज-कैप इक्विटी फंड (Large Cap Equity Fund)
ये इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम उन कंपनियों में निवेश करती हैं, जो full market capitalization (पूर्ण बाजार पूंजीकरण) के मामले में 1 और 100 के बीच रैंक करती हैं। इन फंडों को कम से कम जोखिम भरा माना जाता है। ऐसे शेयरों में फंड कुल संपत्ति का न्यूनतम 80% लगाते है।
लार्ज एंड मिड कैप इक्विटी फंड (Large & Mid-cap Equity Funds)
ये इक्विटी म्यूचुअल फंड बड़े- और मिड कैप इक्विटी और संबंधित उपकरणों के बीच आवंटन को समान रूप से विभाजित करते हैं और उच्च रिटर्न generate करने की क्षमता रखते हैं। लार्ज-कैप और मिड-कैप स्टॉक दोनों के लिए अनिवार्य न्यूनतम संपत्ति कुल संपत्ति का 35% है। ऐसे शेयरों में फंड कुल संपत्ति का न्यूनतम 35%-35% दोनों ही स्टोक्स में लगाते है।
मल्टी-कैप फंड (Multi-cap funds)
मल्टी कैप इक्विटी फंड बड़े-, मिड- और, स्मॉल कैप कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं। बाजार की स्थितियों के आधार पर, फंड मैनेजर प्रमुख निवेशों का फैसला करता ऐसे शेयरों में फंड कुल संपत्ति का न्यूनतम 65% लगाते है।
निवेश रणनीति के आधार पर
Based on Investment Strategy – एक निवेशक के रूप में, आपको फंड हाउस द्वारा की जाने वाली निवेश रणनीति को भी जानना होगा, अर्थात् शेयरों का चयन करने के लिए उपयोग की जाने वाली कार्यप्रणाली। प्रमुख निवेश रणनीतियों या शैलियों में top-down strategy टॉप-डाउन रणनीति, bottom-up strategy बॉटम-अप रणनीति, value strategy मूल्य रणनीति और growth strategy विकास रणनीति शामिल हैं।
टॉप-डाउन रणनीति (Top-down strategy)
इसका मतलब है कि पहले सेक्टर को चुना जाता है और फिर उस सेक्टर के शेयरों को पोर्टफोलियो में खरीदा जाता है।
बॉटम-अप रणनीति (Bottom-up strategy)
इसमें रणनीती में सेक्टर से ज्यादा अच्छे शोध किए गए स्टॉक पर ध्यान दिया जाता है और उन्हें खरीद कर प्पोर्टफोलियो में ऐड किआ जाता हैं।
विकास की रणनीति (Growth Strategy)
इसका मतलब है कि फंड उन कंपनियों में निवेश करेगा जिनके पास लाभप्रदता और वृद्धि का एक सुसंगत ट्रैक रिकॉर्ड है और उनकी मार्किट में टिके रहने की संभावना ज्यादा है।
मूल्य रणनीति (Value Strategy)
इसका मतलब है कि फंड उन कंपनियों में निवेश करेगा जो भविष्य में तेजी से बढ़ने की क्षमता रखते हैं और वर्तमान में कम मूल्य पर उपलब्ध हैं।
एसेट आवंटन के आधार पर (Based on Asset Allocation)
कुछ फंड हैं जो पोर्टफोलियो आवंटन को मुख्य रूप से इक्विटी (कम से कम 65%) और शेष ऋण या घरेलू और अंतरराष्ट्रीय इक्विटी के बीच विभाजित करते हैं। आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अनुसार, कर-दक्षता के नजरिए से परिसंपत्ति आवंटन को देखना महत्वपूर्ण है।
एक प्रमुख विदेशी इक्विटी आवंटन वाले अंतर्राष्ट्रीय इक्विटी फंडों को आयकर उद्देश्यों के लिए ऋण निधि के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
ईएलएसएस, इक्विटी लिंक्ड बचत योजना (ELSS (Equity linked savings scheme))
इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम्स (ईएलएसएस फंड) एक टैक्स-सेविंग म्यूचुअल फंड निवेश योजना है जो मुख्य रूप से इक्विटी और इक्विटी से संबंधित योजनाओं में निवेश करती है। इस योजना के तहत, निवेश का कोष प्रमुख रूप से इक्विटी में निवेश किया जाता है और शेष डेब्ट रिलेटेड सिक्योरिटीज में। एक व्यक्ति रु 46,800 तक का दावा ELSS फंड में निवेश करके कर सकता है। (मान के चले कि इनकम टैक्स का उच्चतम स्लैब यानी 30% और 4% एजुकेशन सेस है)।
भारत में इक्विटी फंड कैसे प्रदर्शन कर रहे हैं? (How are Equity Funds performing in India?)
भारत में म्यूचुअल फंडों की विभिन्न श्रेणियों के बीच, इक्विटी म्यूचुअल फंड आम तौर पर अपेक्षाकृत अधिक रिटर्न देते हैं। यह रिटर्न समग्र आर्थिक स्थितियों और बाजार मूवमेंट (उतार-चढ़ाव) के आधार पर कम ज्यादा होते हैं। आपकी उम्मीदों के हिसाब से रिटर्न अर्जित करने के लिए, आपको अपने इक्विटी फंडों को सावधानीपूर्वक चुनना चाहिए। आपको शेयर बाजारों के नियमो का सख्ती से पालन करना चाहिए और quantitative and qualitative (मात्रात्मक और गुणात्मक) factors का ज्ञान होना चाहिए।
इक्विटी फंड में निवेश करने के क्या फायदे हैं? (What are the benefits of investing in Equity Funds?)
इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करने के कई लाभ हैं। उनमें से कुछ हैं:
1. पेशेवर रूप से प्रबंधित (Professionally Managed)
फंड प्रबंधक बाजार विशेषज्ञ होते हैं जो पेशेवर रूप से इक्विटी फंड का प्रबंधन करते हैं। ये विशेषज्ञ बाजार का अध्ययन करते हैं, विभिन्न कंपनियों के प्रदर्शन का विश्लेषण करते हैं, और प्रदर्शन करने वाले शेयरों में निवेश करते हैं जो निवेशकों को एक अच्छा रिटर्न दे सकते हैं।
2. निवेश का आसान तरीका (Easy of investment)
एक आम आदमी एसआईपी (Systematic Investment Plan) के माध्यम से इक्विटी फंड में निवेश कर सकता है, जिसमें वह साप्ताहिक, मासिक या त्रैमासिक में SIP के माध्यम से मात्र रुपये 500 से शुरू कर सकता है। एसआईपी के माध्यम से निवेश करना इक्विटी फंड में निवेश करने का एक लोकप्रिय तरीका है क्योंकि यह rupee-cost averaging के माध्यम से इक्विटी बाजारों के उतार चढाव को कम कर देता है।
3. पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन (Portfolio Diversification)
इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर निवेशक को विभिन्न प्रकार के सेक्टर के शेयरों का एक्सपोज़र मिलता है, इससे फायदा ये होता है, कि भले ही आपके पोर्टफोलियो में कुछ स्टॉक कमज़ोर हों, किन्तु फंड में ने सेक्टर के परफोर्मिंग शेयर इस कमजोर स्टॉक की हानि को कम कर देंगे जिससे व्यकी विशेष capital gain पूंजीगत लाभ प्राप्त करने में सक्षम हो।
4. लिक्विडिटी/तरलता (Liquidity)
वर्तमान एनएवी के दर पर किसी भी दिन किसी भी समय एक इक्विटी फंड की इकाइयों को रिडीम Redeem किया जा सकता है। यह निवेशकों को लिक्विडिटी/तरलता प्रदान करता है। इसका एक अपवाद ईएलएसएस फंड्स हैं, जिसमें कोई निवेशक अपने धन को तब तक redeem नहीं कर सकता जब तक कि लॉक-इन पीरियड, यानी 3 साल खत्म नहीं हो जाते।
5. केपिटल ग्रोथ (Capital growth)
Equity funds पूंजी वृद्धि इक्विटी फंड में मुद्रास्फीति को beat करने के लिए काफी रिटर्न देने की क्षमता है। व्यक्ति इक्विटी फंड में निवेश करके लंबी अवधि में पर्याप्त wealth create/धन अर्जित कर सकते हैं।
6. टैक्स बेनिफिट (Tax Benefit)
Equity Mutual Fund Taxation – ईएलएसएस फंड्स में निवेश करने वाले व्यक्तियों को कर कटौती का लाभ मिलता है। एक व्यक्ति आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत ईएलएसएस योजनाओं में 1.5 लाख तक का निवेश करके 46,800 रुपये सालाना हर साल बचा सकता है (आयकर का उच्चतम स्लैब यानी @ 30% और 4% एजुकेशन सेस मानते हुए), जिससे से वो अपनी टैक्स लायबिलिटी कम कर सकता है।
इक्विटी फंड्स के टैक्स बेनिफिट्स (Tax Benefits of Equity Funds)
अगर बिना किसी इंडेक्सेशन बेनिफिट के capital gain से आपको सालाना 1 लाख (इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड / इक्विटी शेयरों से दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ राशि) से ज्यादा कमाई हो रही है तो आपको LTCG (दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ) टैक्स 10% के हिसाब से लगेगा STCG (short-term capital gains) शोर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स 15% के हिसाब से लगेगा बशर्ते कि seller/विक्रेता 0.001% का STT/एसटीटी (securities transaction tax) का भुगतान करता है।
फंड पर LTCG टैक्स देना मान्य होगा अगर फंड को 12 महीने से ज्यादा समय के लिए रखा गया हो और वही अगर फंड को 12 महीने से कम समय के लिए रखा गया हो तो उस पर STCG टैक्स लगेगा।
हालांकि, ईएलएसएस फंड नियमित फंड से अलग होते हैं क्योंकि इनमे 3 साल की लॉक-इन अवधि होती है। इसका मतलब है कि ईएलएसएस म्यूचुअल फंड को केवल इस लॉक-इन अवधि के अंत में redeem किया जा सकता है। ईएलएसएस फंड धारा 80 सी के तहत कर बचत विकल्प है। आप पढ़ रहे है – What is Equity Mutual Fund or Equity Funds in Hindi
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Equity Funds FAQ)
1. इक्विटी फंड कैसे काम करते हैं? (How do equity funds work?)
इक्विटी फंड अपनी संपत्ति का कम से कम 65%, फंड की प्रकृति के आधार पर विभिन्न कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं। संपत्ति आवंटन (asset allocation) योजना के निवेश उद्देश्य के अनुसार होता है।
2. क्या इक्विटी फंड एक अच्छा निवेश विकल्प है? (Are equity funds a good investment option?)
इक्विटी फंड उन निवेशकों के लिए एक अच्छा निवेश विकल्प है जो इक्विटी बाजार में एक्सपोजर के जरिए लंबी अवधि में पूंजी में वृद्धि की तलाश में हैं। इक्विटी फंड के पास पारंपरिक बचत साधनों की तुलना में उचित मुद्रास्फीति समायोजित प्रतिफल उत्पन्न करने की क्षमता होती है।
3. इक्विटी फंड और डेट फंड में क्या अंतर है? (What is the difference between equity funds and debt funds?)
इक्विटी फंड मुख्य रूप से कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं जबकि डेट फंड मुख्य रूप से फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज जैसे बॉन्ड, कमर्शियल पेपर्स (सीपी), सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट (सीडी), टी-बिल, सरकारी सिक्योरिटीज और अन्य डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं।
4. इक्विटी म्यूचुअल फंड में किसे निवेश करना चाहिए? (Who should invest in equity mutual funds?)
लॉन्ग टर्म कैपिटल उत्पन्न करने के इच्छुक निवेशक इक्विटी फंडों में निवेश कर सकते हैं। योजना का चुनाव निवेशक की जोखिम लेने की क्षमता, निवेश की सीमा और निवेश के उद्देश्य पर निर्भर होना चाहिए।
5. इक्विटी फंड में एसआईपी कैसे शुरू करे? (How to start a SIP in equity fund?)
चरण 1 – अपने निवेश लक्ष्यों को परिभाषित करें और फिर जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर अपने निवेश क्षितिज के अनुसार एक योजना चुनें।
चरण 2 – सुनिश्चित करें कि आप केवाईसी अनुपालन कर रहे हैं।
चरण 3 – एसआईपी की तारीख और अवधि चुनें।
चरण 4 – वह राशि चुनें जिसे आप योजना में नियमित आधार पर निवेश करना चाहते हैं (अपने कैशफ्लो के आधार पर आवृत्ति का चयन करें)।
स्टेप 5 – ऑनलाइन या ऑफलाइन फॉर्म जमा करके एसआईपी शुरू करें।
6. इक्विटी म्यूचुअल फंड पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कितना है? (What is Long term capital gain on equity mutual fund?)
इक्विटी फंड पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन निम्नलिखित है –
- इक्विटी फंड (Equity funds) – 1 लाख रुपये से अधिक की राशि पर इंडेक्सेशन के बिना 10% कर की दर।
- इक्विटी-ओरिएंटेड हाइब्रिड फंड (Equity-oriented hybrid funds) – 1 लाख रुपये से अधिक की राशि इंडेक्सेशन के बिना पर 10% कर की दर।
- गैर-सूचीबद्ध इक्विटी फंड (Unlisted equity funds) – इंडेक्सेशन के लाभ के साथ 20% कर दर
7. इक्विटी म्यूचुअल फंड के लिए कट ऑफ टाइम क्या है? (What is cut off time for equity mutual fund?)
अधिकांश म्युचुअल फंड योजनाओं को खरीदने का कट-ऑफ समय अपराह्न 3:00 बजे है। इसका सीधा सा मतलब है कि अगर आप इस समय से पहले निवेश करते हैं तो आपको उस दिन की एनएवी मिलेगी, अन्यथा आपको अगले दिन की NAV मिलेगी।
निष्कर्ष (Conclusion)
सीधे शब्दों में कहें तो, फंड हाउस आपके पैसे का पूल बनाते हैं और गहन शोध के बाद इक्विटी फंड में निवेश करते हैं। हालांकि, इक्विटी फंड के आंतरिक कामकाज को समझना महत्वपूर्ण है। इसमें इक्विटी फंड का उद्देश्य जानना और इसे आपके जोखिम प्रोफ़ाइल पर मैप करना शामिल है। इसके बाद निवेश की रणनीति के बाद फंड का एसेट एलोकेशन होता है। अंतिम, किन्तु महत्वपूर्ण, कि आपको फंड के expense ratio /व्यय अनुपात को जानना चाहिए क्योंकि यह रिटर्न को प्रभावित कर सकता है।
आज के लेख में हमने देखा की पोर्टफोलियो में इक्विटी म्यूच्यूअल फंड को जोड़कर कैसे टैक्स बेनिफिट के साथ मोटे रिटर्न प्राप्त कर सकते है (What are Equity Mutual Funds in India or Equity Funds in Hindi), दोस्तों इस आर्टिकल से जुड़ा कोई भी सवाल आपके मन में है तो आप हमें कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं हम जल्द से जल्द आपके सवालों का जवाब देने का प्रयास करेंगे। तब तक बने रहे apneebachat.com पर।