क्या है NAV का गणित, इसे समझकर बनाये म्यूच्यूअल फंड से मोटा पैसा, What is NAV in mutual fund with example? – म्यूचुअल फंड का चयन करते समय, निवेशक अक्सर म्यूच्यूअल फंड के पिछले रिटर्न को बहुत अधिक महत्व देते हैं। वे एक महत्वपूर्ण सवाल पूछना भूल जाते हैं – की आखिर जिस म्यूचुअल फंड में हम इतनी दिलचस्पी ले रहे है उसकी कीमत कितनी है, NAV वैल्यू क्या ? तो चलिए आज के इस लेख में, हम एनएवी के बारे में सब कुछ जानेंगे।
NAV (Net Asset Value) क्या है? (What is NAV Net Asset Value)
NAV Kya Hai? Mutual Fund NAV (Net Asset Value) in Hindi – म्युचुअल फंड की किसी स्कीम का परफॉरमेंस योजना नेट एसेट वैल्यू (Net Asset Value, NAV) द्वारा दर्शाया जाता है। सरल शब्दों में एनएवी, स्कीम द्वारा रखी गई सिक्योरिटीज की Market Value (मार्किट वैल्यू/ बाजार मूल्य) है।
एक म्यूचुअल फंड स्कीम निवेशकों से एकत्रित धन को securities markets (सिक्योरिटीज मार्किट) में निवेश करते हैं। चूंकि प्रति दिन सिक्योरिटीज का बाजार मूल्य बदलता है, इसलिए किसी योजना का एनएवी भी दिन-प्रतिदिन के आधार पर बदलता रहता है। NAV प्रति यूनिट किसी विशेष दिनांक पर सिक्योरिटीज की मार्किट वैल्यू भगित स्कीम की कुल इकाइयां।
नेट एसेट वैल्यू को जानने के लिए, हमें पहले सभी सिक्योरिटीज के मार्किट वैल्यू, स्कीम से जुड़ी लायबिलिटी (देनदारियों) और उसके बाद जारी यूनिट्स(इकाइयों) की संख्या को जानना होगा।
म्यूचुअल फंड एनएवी कुल संपत्ति माइनस कुल देनदारियां होंगी। एनएवी की गणना पर यूनिट (प्रति इकाई) स्तर पर की जाती है। तो, अगर नेट वैल्यू को हम टोटल यूनिट्स (कुल इकाइयों) से विभाजित करे तो यह प्रति म्यूचुअल फंड यूनिट का मूल्य है।
जो म्यूच्यूअल फंड के एसेट या हम कहे सिक्योरिटीज उनकी मार्किट वैल्यू हर दिन बदलती है और तदनुसार म्यूचुअल फंड एनएवी की वैल्यू भी प्रतिदिन बदलती हैं।
म्यूचुअल फंड हाउस को अनिवार्य रूप से म्युचुअल फंड स्कीम के प्रकार के आधार पर दैनिक या साप्ताहिक आधार पर नेट एसेट वैल्यू को बताने की आवश्यकता होती है। ओपन-एंडेड स्कीमस को सभी कार्य दिवसों पर एनएवी की वैल्यू बताना होता है जबकि समाप्त करने के लिए क्लोज-एंडेड स्कीमस को ये साप्ताहिक तौर पर बताना होता है।
NAV फार्मूला? (NAV Calculation Formula/NAV Formula?)
नेट एसेट वैल्यू की गणना इस फार्मूला से की जाती है:
NAV = [एसेट्स – (लायबिलिटीज़ (देनदारियां) + एक्सपेंसेस (खर्चे)] / आउटस्टैंडिंग (बकाया) यूनिट्स
यहाँ एसेट का मतलब टोटल सिक्योरिटीज की कीमत और नकदी की कीमत का जोड़ है जहां संपत्ति में सिक्योरिटीज और लिक्विड फंड का मूल्य शामिल है। सिक्योरिटीज ने जिस स्कीम में निवेश किया गया है उनमें इक्विटी, डिबेंचर, बॉन्ड, एक्सचेंज ऑफ बिल, कमर्शियल पेपर शामिल हैं। इसमें अर्जित ब्याज और अर्जित लाभांश भी शामिल है।लायबिलिटीज़ (देनदारियों) और खर्चों में देय पैसा, ब्याज देय, मैनेजमेंट एक्स्पेंसेस शामिल हैं।
निवेशकों के लिए NAV कैसे उपयुक्त/उचित है? (How is NAV suitable for investors?)
NAV की कीमत देखकर अगर आप म्यूच्यूअल फंड स्कीम में निवेश करने का सोच रहे है तो ये समझदारी नही है है। NAV, म्यूचुअल फंड स्कीम की भविष्य की संभावनाओं को कभी भी नहीं दर्शाता है। जैसा की बताया गया है की NAV तो म्यूचुअल फंड स्कीम का कुल निवेश माइनस (कम) देनदारियों और खर्च है।
इसलिए, एक उच्च एनएवी का अर्थ है कि स्कीम का निवेश वास्तव में अच्छी तरह फला फूला है| या फिर यह योजना लंबी अवधि से मार्किट में अच्छा कर रही है। म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करते समय निवेशकों को स्कीम के परफॉरमेंस (प्रदर्शन) और उत्पन्न रिटर्न पर ध्यान देना चाहिए।
उदाहरण के साथ, म्यूचुअल फंड की एनएवी की गणना कैसे करें (How to calculate nav of mutual fund with example)
वेदांत 2 अलग-अलग योजनाओं, स्कीम-A और स्कीम-B में निवेश करते हैं। वह दोनों योजनाओं में 50 हजार रुपये का निवेश करते है।
स्कीम-A का एनएवी 10 रुपये है
स्कीम-B का एनएवी 50 रुपये है
इकाइयों को आवंटित किया जाना है
स्कीम-A: 5,000 यूनिट (50,000 / 10)
स्कीम-B: 1000 यूनिट (50,000 / 50 रुपये)
एक महीने के बाद दोनों स्कीम में अर्जित रिटर्न 10% है –
यहां स्कीम-A के लिए बदला हुआ प्रति एनएवी का मूल्य 11 रुपये और स्कीम-B के लिए 55 रुपये है। दोनों योजनाओं के लिए निवेश की गई प्रारंभिक राशि 50 हजार रुपये है। केवल अंतर आवंटित इकाइयों की संख्या है, स्कीम-A में आवंटित इकाइयां स्कीम-B से अधिक है। लेकिन एनएवी और रिटर्न दोनों योजनाओं के लिए समान हैं। इसलिए, एनएवी की भूमिका फंड के प्रदर्शन को मापने का एकमात्र कारक नहीं है।
म्यूचुअल फंड एनएवी स्कीम का बुक वैल्यू है। किसी भी योजना में निवेश करते समय, एक निवेशक को योजना के पिछले प्रदर्शन की जांच करनी चाहिए। इसके अलावा, एक निवेशक को फंड द्वारा वर्षों में अर्जित रिटर्न को देखना चाहिए।
NAV और मार्केट प्राइस में अंतर? (Difference between NAV & Market Price?)
कई निवेशक नेट एसेट वैल्यू एनएवी और बाजार मूल्य को समान मानते हैं और दोनों अवधारणाएं बहुत अलग हैं। इसलिए जब म्यूचुअल फंड में एनएवी कम होता है तो कई निवेशक इसे सस्ता और निवेश का अच्छा मौका मानते हैं किन्तु यह धारणा गलत है।
आइए हम एनएवी की भूमिका को समझें, यह धारणा गलत क्यों है, और अवधारणा को ठीक तरीके से समझे।
जब कोई भी कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होती है, तो उसके शेयर निवेशकों को खरीदने के लिए उपलब्ध कराए जाते हैं। शेयरों की कीमत स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध होती है जो एक निवेशक शेयरों का भुगतान करके खरीद सकता है। यह शेयरों का बाजार भाव है।
शेयर का मार्किट वैल्यू बहुत से चीजो पर निर्भर करता है और यही कारक है जो मार्किट को चलाते है। और जिस कारको की हम बात कर रहे है वो है – शेयरों की डिमांड एंड सप्लाई रेश्यो (मांग और आपूर्ति अनुपात), भविष्य में कंपनी की क्षमता और कंपनी का पिछला प्रदर्शन। इसलिए शेयर बाजार की कीमत कई कारकों से प्रभावित एक शुद्ध मूल्य है।
म्यूचुअल फंड और इसकी इकाइयों के लिए स्टॉक एक्सचेंज में ऐसी कोई कांसेप्ट (अवधारणा) या लिस्टिंग नहीं है। म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स बुक वैल्यू या नेट एसेट वैल्यू में खरीदी जाती हैं। NAV दिन के अंत में और मार्किट के क्लोज होने पर म्यूचुअल फंड को दिया गया कुल मूल्य है।.3
निवेश समय कैसे NAV मूल्य को प्रभावित करता है? (How Net Asset Value (NAV) affected by investment timing?)
म्यूचुअल फंड में निवेश और रेडीम का कट-ऑफ टाइम होता है। इसका उद्देश्य निवेश या रिडेम्पशन को प्रतिबंधित करने का नहीं है, बल्कि एनएवी पर निर्णय लेने का है, जिस पर म्यूचुअल फंड यूनिट को आवंटित या रेडीम किया जाएगा।
म्यूचुअल फंड कंपनी रोज (business days) ही नयी NAV (एनएवी) जारी करती है, और इसी कारण से इन्हें समय का बहुत ध्यान रखना होता है या हम बोल सकते है कि यह समयबद्ध है।
यही कारण है कि म्यूचुअल फंड दैनिक निवेश के लिए एक समय सीमा रखते हैं, जो कि लिक्विड फंड के लिए दोपहर 1:30 बजे है, और इक्विटी या डेट फंड के लिए दोपहर 3 बजे तक। आपको अपने आवेदन और धन जमा करने के समय के अनुसार उसी दिन, पिछले दिन या अगले दिन का एनएवी आवंटित किया जा सकता है।
यदि आप एक लिक्विड फंड में दोपहर 1:30 बजे से पहले निवेश करते हैं। तो आपको पिछले दिन के एनएवी मूल्य में यूनिट आवंटित किए जाएंगे। और यह तभी होगा जब आप समय सीमा से पहले पैसा ट्रांसफर भी करेंगे। यदि आप समय सीमा के बाद मतलब कि दोपहर 1:30 बजे के बाद अपना आवेदन और पैसा जमा करते हैं, तो आपको उसी दिन के एनएवी मूल्य में इकाइयों को आवंटित किया जाएगा।
यदि आप अपना आवेदन तो दोपहर 1:30 बजे से पहले जमा करते हैं। लेकिन पैसा जमा आप समय सीमा के बाद मतलब कि दोपहर 1:30 बजे के बाद करते है तो आपको पिछले दिन के एनएवी के लिए पात्र नहीं होंगे, और आपको उसी दिन के एनएवी मूल्य में इकाइयों को आवंटित किया जाएगा।
इक्विटी और अन्य डेट फंडों के मामले में समय सीमा दोपहर 3 बजे है। यदि आप 3 बजे से पहले आवेदन जमा करते हैं, तो आपको उसी दिन के एनएवी के आधार पर यूनिट मिलेगी। समय सीमा के बाद आवेदन जमा करने पर आपको अगले दिन का एनएवी मिलेगा। लिक्विड फंड्स के जैसे यहाँ, टाइमलाइन से पहले फंड ट्रांसफर करना जरूरी नहीं है।
इसे सरल शब्दों में हम निम्लिखित तालिका की मदद से और अच्छे से समझ सकते है –
योजनाओं का प्रकार Type of Schemes | सौदे का प्रकार Transaction type | कट-ऑफ टाइमिंग Cut-off timings |
लिक्विड फंड और ओवरनाइट फंड Liquid Funds & Overnight Funds | सदस्यता (अन्य योजनाओं से स्विच-इन सहित) | 1:30 अपराह्न |
मोचन (अन्य योजनाओं से स्विच-इन सहित) | दोपहर के 3.00 बजे | |
अन्य सभी स्कीमें (लिक्विड फंड्स /ओवरनाइट फंड्स को छोड़कर) All other schemes (other than Liquid/Overnight Funds) | सदस्यता (अन्य योजनाओं से स्विच-इन सहित) | दोपहर के 3.00 बजे |
मोचन (अन्य योजनाओं से स्विच-इन सहित) | दोपहर के 3.00 बजे |
आइये अब समझते है NAV कैसे मिलती है –
लेन-देन और धन की प्राप्ति का समय Time of receipt of Transaction and Money | लागू एनएवी Applicable NAV |
जब खरीद या ट्रांसेक्शन उस दिन के 3 बजे (कट ऑफ टाइम) तक किया गया है, और दिन के 3 बजे तक इस ट्रांसेक्शन का पूरा पैसा सब्सक्रिप्शन और खरीद के लिए मिल गया है, तो | उसी कारोबारी दिन की एनएवी लागू होगी |
जब खरीद या ट्रांसेक्शन उस दिन के 3 बजे (कट ऑफ टाइम) तक किया गया है, किन्तु इस ट्रांसेक्शन का पैसा सब्सक्रिप्शन और खरीद के लिए उस दिन में दिन के 3 बजे के बाद उपयोग के लिए उपलब्ध होता है, तो | अगले कारोबारी दिन की एनएवी लागू होगी, अगर इस ट्रांसेक्शन का पैसा वो अगले दिन के दिन के 3 बजे तक मिल जाये |
जब खरीद या ट्रांसेक्शन उस दिन के 3 बजे (कट ऑफ टाइम) के बाद किया गया है, किन्तु इस ट्रांसेक्शन का पैसा सब्सक्रिप्शन और खरीद के लिए उस दिन में दिन के 3 बजे के बाद उपयोग के लिए उपलब्ध होता है, तो | अगले कारोबारी दिन की एनएवी लागू होगी |
जब खरीद या ट्रांसेक्शन उस दिन के 3 बजे (कट ऑफ टाइम) के बाद किया गया है, किन्तु इस ट्रांसेक्शन का पैसा सब्सक्रिप्शन और खरीद के लिए उस दिन में दिन के 3 बजे के बाद उपयोग के लिए उपलब्ध होता है, तो | अगले कारोबारी दिन की एनएवी लागू होगी, अगर इस ट्रांसेक्शन का पैसा वो अगले दिन के दिन के 3 बजे तक मिल जाये |
इसलिए, निवेश का समय निवेशकों को प्रभावित करता है लेकिन हमेशा नहीं। यदि कोई निवेशक लंबी अवधि में निवेश कर रहा है, तो समय लंबी अवधि में निवेश को प्रभावित नहीं करेगा। यदि कोई निवेशक बहुत कम अवधि के लिए निवेश कर रहा है, तो समय उसी दिन, पिछले दिन और अगले दिन के एनएवी के आधार पर निवेश को मामूली या भारी रूप से प्रभावित कर सकता है। More Reading – What is Net Asset Value
फंड परफॉरमेंस/प्रदर्शन में एनएवी की भूमिका (Role of NAV in fund performance)
बहुत सारे निवेशक NAV को स्टॉक मूल्य के समान मानते हैं। इससे उन्हें लगता है कि कम NAV वाला एक फंड सस्ता है और इसलिए, यह निवेश के लिए बेहतर है। सही मायने में, यह म्यूचुअल फंड प्रदर्शन का संकेतक नहीं है। सिर्फ NAV का कम मूल्य किसी फंड को निवेश के लिए बेहतर नही बनाता है। इसलिए, म्यूचुअल फंड चुनने के लिए यह एकमात्र निर्धारित कारक नहीं होना चाहिए।